इंदौर के कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ दो अधिकारियों को इंदौर लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया है वहीं पकड़े गए दोनों ही अधिकारियों से लोकायुक्त की टीम ने ₹50000 भी जप्त किए हैं और पूरे मामले में काफी बारीकी से अब आने वाले दिनों में जांच पड़ताल कर दोनों अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात लोकायुक्त के द्वारा कही जा रही है।
इंदौर लोकायुक्त की टीम को एक फरियादी विक्रम सिंह गहलोत ने शिकायत की , कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ विजय जायसवाल एवं उनके ही सहयोगी उमा के द्वारा ₹50000 की रिश्वत मांगी जा रही है अतः जैसे ही लोकायुक्त की टीम को दोनों अधिकारियों के द्वारा रिश्वत मांगे जाने की सूचना मिली लोकायुक्त की टीम ने पूरे ही मामले में आरोपियों को ट्रेस करने के लिए योजना बनाई इसके बाद फरियादी को आज लोकायुक्त की टीम ने 50000 देकर कलेक्टर कार्यालय में उनके ऑफिस में भेजा और पीछे से लोकायुक्त की टीम ने दबिश देते हुए दोनों आरोपी विजय कुमार और उमा को पकड़ा है , वहीं फरियादी ने शिकायत करते हुए यह भी जानकारी लोकायुक्त को दी कि उसने 137 श्री कृष्ण एवेन्यू थर्ड फेज ए बी रोड में एक निजी हॉस्टल बनाया है जिसे 2015 से 23 तक किराए पर दिया था जिस पर जनजातीय कार्य विभाग के जूनियर कन्या छात्रावास का संचालन किया जा रहा है अप्रैल 2023 से फरियादी ने भवन रिक्त कर दिया गया, किंतु विभाग द्वारा किराया वृद्धि का एरियर लगभग 11 लख रुपए आवेदक को भुगतान नहीं किया था जिसके लिए उक्त दोनों आरोपियों के द्वारा 15% रिश्वत की मांग की जा रही थी इस पर लोकायुक्त इंदौर में फरियादी का द्वारा शिकायत की गई और उसके बाद विभिन्न तरह से जांच पड़ताल कर दोनों आरोपियों को 50000 रिश्वत के आधार पर पकड़ा गया है वही आरोपी दोनों अधिकारी जनजातीय कार्यालय विभाग में पदस्थ है जहां विजय जायसवाल क्षेत्र संयोजक के रूप में पदस्थ है तो वहीं उमा मर्सकोले सहायक ग्रेड 2 के पद पर जनजातीय कार्यालय में ही पदस्थ है वहीं एरियर के रूप में फरियादी का 11 लाख रुपए से अधिक का रुपया बन रहा था और इस रुपए को देने के आवाज में दोनों अधिकारियों के द्वारा 15% रिश्वत मांगी जा रही थी। वही फरियादी एडिशनल कलेक्टर का पद से रिटायर्ड हुए थे।
बाइट – प्रवीण सिंह बघेल , डी एस पी ,लोकायुक्त , इंदौर