महाकाल मन्दिर में ध्वज पूजन के बाद शुरू हुआ चल समारोह, मन्दिर के पण्डे पुजारी हुए शामिल,झांकियों ने समां बांधा, मुस्लिम समुदाय ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत,रंगपंचमी के अवसर पर महाकालेश्वर भगवान का ध्वज चल समारोह बुधवार रात्रि को नगर भ्रमण पर निकला। इसके पूर्व मंदिर के सभा मंडप में पुजारी-पुरोहित व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने भगवान के ध्वज का पूजन किया। इसके बाद ध्वज कोटितीर्थ कुंड की परिक्रमा कर परिसर से होकर चल समारोह में शामिल हुआ। चल समारोह में रोशनी से झिलमिलती धार्मिक झांकियों ने समां बांधा। वहीं स्थानीय और बाहर से आए बैंड के धार्मिक भजनों ने मन मोह लिया। कई स्थानों से आए कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।ध्वज चल समारोह के शुरुआत में महाकाल मंदिर के सभा मंडप में भगवान वीरभद्र व ध्वज का पूजन मंदिर के पुजारी व पुरोहितों ने किया। इस दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक, महाकाल मंदिर के पुजारी और पुरोहित मौजूद रहे ।
ध्वज पूजन के बाद पुजारी पुरोहितों ने ध्वज हाथों में लेकर मंदिर के कोटि तीर्थ कुंड की परिक्रमा की। सभी ध्वज पालकी गेट से मंदिर से बाहर निकले। ध्वज के पीछे ही धार्मिक झांकियां का कारवां शामिल हुआ। इस वर्ष 40-40 फीट लंबी ट्रालियों पर भगवान की आकर्षक झांकियों के साथ अन्य रंग बिरंगी रोशनी से झीलमिलाती झांकियां मौजूद रही। पुणे के ढोल के कलाकारों द्वारा किए गए करतब देख कर दर्शक भी अभिभूत हो गए। इस दौरान ढोल की थाप पर कलाकारों ने कला बाजी की ।चल समारोह में ध्वज के साथ ही रजत ध्वज मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र रहा।
उज्जैन और इंदौर के प्रमुख बेंड भी इसमें शामिल हुए। यह ध्वज चल समारोह महाकाल मंदिर से शुरू हुआ, जो की तोपखाना, दौलतगंज, फव्वारा चौक, नई सड़क, कंठाल चौराहा, गोपाल मंदिर, गुदरी चौराहा होते हुए पुनः महाकाल मंदिर पहुंचा।इस दौरान सांप्रदायिक सौहार्द का एक अद्भुत नजारा भी देखने को मिला। तोपखाना क्षेत्र में ध्वज चल समाहरोह का मुस्लिम जनों ने पुष्पवर्षा वर्षा कर स्वागत किया। दर्शन मुस्लिम जनों द्वारा यह परंपरा वर्षो से निभाई जा रही है। इस दौरान मुस्लिम समाज के कई वरिष्ठ जन मंच पर मौजूद रहे।