बागेश्वर धाम गढ़ा में नवरात्रि साधना के समापन पर एक बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। बागेश्वर धाम के महाराज श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने घोषणा की है कि उनके गुरु सन्यासी बाबा के आदेशानुसार अब धाम पर VIP और VVIP सिफारिशकर्ताओं से मुलाकात नहीं की जाएगी।महाराज जी ने स्पष्ट किया है कि वह अब केवल उन सच्चे श्रद्धालुओं से मिलेंगे जो बिना किसी सिफारिश के, एक सच्चे भक्त बनकर दर्शन और आशीर्वाद लेने धाम पर पहुंचते हैं।
साधना का समापन और गुरु का आदेश
नवरात्रि की नौ दिवसीय कठिन साधना पूर्ण होने के बाद, दशमी के दिन बागेश्वर महाराज ने बुंदेलखंड की गंगा कही जाने वाली केन नदी में पहुंचकर अपना व्रत समाप्त किया। इस अवसर पर बनारस से आए आचार्यों द्वारा वेद मंत्रों के साथ विधि-विधान से व्रत पूर्ण कराया गया।इसके पश्चात, धाम पर आयोजित दिव्य दरबार में महाराज श्री ने भक्तों के साथ अपनी साधना का अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने साधना के दौरान 11 लाख बार पंचमुखी हनुमान नाम का जप और माता रानी की आराधना कर उसे अपने आराध्य बागेश्वर बालाजी के चरणों में समर्पित किया।
गरीब और असहाय भक्तों को मिलेगी प्राथमिकता
महाराज ने भक्तों को बताया कि साधना के दौरान उनके गुरु सन्यासी बाबा ने उन्हें डांटते हुए आदेश दिया कि VIP और VVIP मुलाकातों के कारण, गरीब, असहाय और दूर-दराज से किराया उठाकर धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की पीड़ा अनसुनी रह जाती है और यही भक्त निराश होकर लौटते हैं।गुरु ने आदेश दिया कि अब से बागेश्वर धाम पर प्रोटोकॉल और सिफारिश वाले VIP और VVIP को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। महाराज ने कहा कि यदि ऐसे लोग आते भी हैं, तो उन्हें अलग से समय दिया जाएगा, लेकिन पहला अवसर गरीब, असहाय, मरीज और सच्चे श्रद्धालुओं को ही मिलेगा।
महाराज जी ने कहा कि उन्होंने कुटिया में साधना के दौरान यह प्रण लिया है कि गुरु जी की आज्ञा अब कभी नहीं टाली जाएगी।दिव्य दरबार और भभूति वितरण का क्रम रहेगा जारीमहाराज ने यह भी कहा कि अब पहले की भांति दिव्य दरबार में बागेश्वर बालाजी की आज्ञा से भक्तों की अर्जियाँ सुनी जाएंगी और पर्चे बनाए जाएंगे।
साथ ही, पूर्व की तरह ही शाम को मरीजों के दर्शन के समय श्रद्धालुओं को सिद्ध अभिमंत्रित भभूति भी प्रदान की जाएगी।महाराज ने कहा कि यह क्रम आगे भी जारी रहेगा और प्रत्येक गुरुवार को नई नियमावली के तहत भक्तों से मुलाकात कर मंदिर प्रांगण से ही सिद्ध भभूति का वितरण किया जाएगा।