Thursday, July 17, 2025
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natural vaccine: Omicron variant acts as natural vaccine – क्या वास्तव में नेचुरल वैक्सीन की तरह काम करेगा कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट

दुनियाभर में कोविड-19 मामलों की संख्या में चिंताजनक रूप से वृद्धि हुई है। भारत में कोरोना वायरस के अब तक 27,777 मामले सामने आ गए हैं, जबकि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को बेहद खतरनाक माना जा रहा है। इसके मामलों की संख्या बढ़कर 1525 हो गई है। WHO के चीफ के अनुसार, डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों ही कोरोनावायरस की ‘सुनामी’ बनाने के लिए काफी हैं। जहां तक इस नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की बात है, तो इसे लेकर एक के बाद एक कई तरह की अटकलें, धारणाएं और तथ्य सामने आ रहे हैं। इस वैरिएंट ने भारत समेत कई देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है, लेकिन राहत की बात ये हे्र कि ओमिक्रॉन से होने वाली मौतों की संख्या न के बराबर है।

हालांकि, हैवी म्यूटेंट वैरिएंट अपने पिछले वैरिएंट के मुकाबले लगभग पांच गुना तेज गति से फैल रहा है, इसलिए विश्वस्तर पर वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी को सर्तक रहने और प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है। हालांकि, इन दिनों ओमिक्रॉन को नेचुरल वैक्सीन का दर्जा दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। कुछ लोग इस बात का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ इसके खिलाफ हैं। तो आइए जानते हैं क्या वास्तव में ओमिक्रॉन वैरिएंट नेचुरल वैक्सीन की तरह काम करेगा या नहीं।

​कमजोर इम्यूनिटी चिंता का विषय

इन दिनों कमजोर इम्यूनिटी दुनियाभर के लोगों के लिए चिंता का विषय है। ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड वैक्सीन की प्रभावशीलता पर संदेह जताया जा रहा है। ऐसे में बूस्टर शॉट एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, हर किसी को बूस्टर डोज लगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खासतौर पर ऐसे लोग जिन्हें पहले एक बार कोरोनावायरस हो चुका है, उनके शरीर में वायरस से लडऩे के लिए प्राकृतिक तंत्र तैयार हो जाता है, इसलिए उन्हें वैक्सीन की जरूरत नहीं है। लेकिन बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी से जूझ रहे लोगों के लिए बूस्टर डोज बहुत फायदेमंद साबित होगी।

अंग्रेजी में इस स्‍टोरी को पढ़ने के लिए यहां क्‍लिक करें

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

​नेचुरल वैक्सीन के तौर पर काम कर सकता है नया वैरिएंट-

यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो पहले SARs-COV-2 से संक्रमित हो चुके हैं, तो निश्चित रूप से आप घातक वायरस के खिलाफ एक अच्छा इम्यूनिटी लेवल विकसित कर सकते हैं। इसे “नेचुरल इम्यूनिटी” कहते हैं। यह देखते हुए कि ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है, विशेषज्ञों का मानना है कि इस लहर के दौरान कई लोग संक्रमित होंगे। लेकिन ज्यादातर मामलों को “हल्के” के रूप में रिपोर्ट किया गया है। कुछ डॉक्टर्स और वायरोलॉजिस्ट का मानना है कि यह नया वैरिएंट नेचुरल वैक्सीन के रूप में काम कर सकता है।

​हेल्दी और फिट लोगों को ओमिक्रॉन से कोई खतरा नहीं

यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर इयान जोन्स ने हाल ही में ओमिक्रॉन के नेचुरल वैक्सीन बनने के विचार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि फ्लू की तरह ओमिक्रॉन स्वस्थ और फिट लोगों के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता। इसमें शामिल जोखिमों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा है कि ओमिक्रॉन को अनुबंधित करने से गंभीर बीमारी के बिना प्रतिरक्षा को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, कई विशेषज्ञों ने ओमिक्रॉन के नेचुरल वैक्सीन बनने के दावों को खारिज कर दिया है। जबकि कुछ लोगों ने इसे ‘खतरनाक विचार’ कहा है।

​नेचुरल वैक्सीन या कोविड वैक्सीन इम्यूनिटी, कौन सी है ज्यादा बेहतर

कोरोनावारस की शुरूआत के बाद से ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्ट्रांग इम्यूनिटी हमेशा चर्चा का विषय बनी रही है। जबकि वैज्ञानिक प्रमाणों ने संकेत दिया है कि नेचुरल इम्यूनिटी 6 महीने से एक साल तक बनी रह सकती है। ऐसा कहा जाता है कि संक्रमण के बाद नेचुरल इम्यूनिटी लगभग 90 दिनों तक अपने चरम पर होती है और उसके बाद कम होना शुरू हो जाती है। देखा जाए, तो कोविड वैक्सीन से मिलने वाली इम्यूनिटी को लंबे समय तक चलने वाला माना जाता है।

​कोरोनावायरस संक्रमण से स्वास्थ्य जोखिम बहुत ज्यादा है

ओमिक्रॉन वैरिएंट नेचुरल वैक्सीन के रूप में काम करेगा या नहीं, यह अभी देखा जाना बाकी है। क्योंकि इसमें शामिल जोखिमों को भी ध्यान में रखना होगा। नए वैरिएंट को अब तक हल्के संक्रमण का कारण माना जा रहा है, लेकिन साथ ही इससे होने वाली मौतों की जानकारी भी मिल रही है।

भारत में भी ओमिक्रॉन से एक मौत हो चुकी है। जिन लोगों को पहले से कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं या फिर बुजुर्गों में गंभीर संक्रमण विकसित होने का खतरा लगातार बना हुआ है। यही कारण है कि कुछ भी मान लेना जल्दबाजी होगी। बेहतर है कि हम सावधान रहें और हर मुमकिन उपाय करते रहें।

​कमजोर इम्यूनिटी चिंता का विषय

इन दिनों कमजोर इम्यूनिटी दुनियाभर के लोगों के लिए चिंता का विषय है। ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड वैक्सीन की प्रभावशीलता पर संदेह जताया जा रहा है। ऐसे में बूस्टर शॉट एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, हर किसी को बूस्टर डोज लगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खासतौर पर ऐसे लोग जिन्हें पहले एक बार कोरोनावायरस हो चुका है, उनके शरीर में वायरस से लडऩे के लिए प्राकृतिक तंत्र तैयार हो जाता है, इसलिए उन्हें वैक्सीन की जरूरत नहीं है। लेकिन बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी से जूझ रहे लोगों के लिए बूस्टर डोज बहुत फायदेमंद साबित होगी।

अंग्रेजी में इस स्‍टोरी को पढ़ने के लिए यहां क्‍लिक करें

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

​क्या वैक्सीन बूस्टर नए वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा दिला सकती है

वर्तमान में स्वास्थ्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि कोविड-19 टीकों की नियमित दो डोज नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से बचने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। हालांकि, इसमें अभी भी गंभीर बीमारियों से बचाने की क्षमता है। इतना ही नहीं यह अस्पताल में एडमिट होने और मृत्यु के जेखिम को भी कम करने में मददगार है। दुनियाभर में लगातार बढ़ रहे मामलों की संख्या को देखते हुए वैक्सीन बूस्टर की डिमांड बढ़ गई है, क्योंकि यह नए वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा दिलाने में कारगार है।


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