प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को निवास स्थित समत्व भवन, भोपाल से वीसी के माध्यम से प्रदेशभर में चल रहे जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा की। साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। छतरपुर जिले के कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष से कलेक्टर पार्थ जैसवाल, जिला पंचायत सीईओ तपस्या परिहार, डीएफओ सर्वेश सोनवानी, एडीएम मिलिंद नागदेवे, डिप्टी कलेक्टर विशा माधवानी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेशव्यापी जल गंगा संवर्धन अभियान में विभागवार क्रियान्वित गतिविधियों के संबंध में चर्चा कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए और आगामी दिवसों में भी जनप्रतिनिधि एवं जनसहभागिता से कार्ययोजना अनुसार निरंतर गतिविधियों का संचालन कर अभियान को सफल बनाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल स्रोतों की शुद्धता व अविरलता भावी पीढ़ियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। प्रदेशव्यापी यह अभियान जनभागीदारी के रूप में आगे बढ़ता रहे, इसी दिशा में हमारी सरकार प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 30 जून तक संचालित होने वाले जल गंगा संवर्धन अभियान में खेत तालाब योजना में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल करें। जनजागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही जन आस्था से जुड़े प्राचीन जल स्रोतों एवं केन्द्रों का जीर्णोद्धार सुनिश्चित किया जाए। विभिन्न जल स्रोतों के पुनर्जीवन कार्य के साथ ऐतिहासिक महत्व की जल संरचनाओं में भी कार्य कराया जाए। मुख्यमंत्री ने ग्रीष्मकाल में शुद्ध पेयजल व्यवस्था, कानून व्यवस्था बनाए रखने, पराली जलाने की घटनाओं पर रोकथाम एवं प्रभावी कार्रवाई, आमजन की समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारियों द्वारा निरंतर भ्रमण, गेहूं उपार्जन केन्द्रों पर किसानों के लिए सभी मूलभूत व्यवस्थाएं दुरूस्त रखने, शासकीय कार्यालयों में आने वाली जनता की दिक्कतों का संवेदनशीलता के साथ निराकरण, ई-ऑफिस के क्रियान्वयन, वर्षाकाल में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए पूर्व तैयारी तथा खाद्य सामग्रियों की जांच के संबंध में भी जरूरी निर्देश दिए।