भोपाल। लाड़ली बहनों को एक हजार रुपये महीने और किसान भाईयों को 6 हजार देने वाले मामा शिवराज ने आज प्रदेश के भांजे—भांजियों के लिए बड़ा ऐलान कर दिया। प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल से पास होने वाले 9 हजार छात्र—छात्राओं को ई—स्कूटी देने का वादा पूरा कर दिया। बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हायर सेकेंड्री स्कूलों में जिस भी छात्र—छात्रा ने सर्वाधिक अंक पाए हैं, उन्हें निःशुल्क ई-स्कूटी प्रदान की जाएगी। सीएम शिवराज ने कहा कि मैंने जो कहा था, वह कर दिखाया। इसके साथ ही सरकार ने तबादलों पर लगी रोक को हटा लिया है। मुख्यमंत्री ने तबादलों पर लगी रोक को भी हटा दिया है। अब 15 से 30 जून तक तबादला हो सकेंगे।
बजट में 25 करोड़ रुपये का प्रावधान
आपको बता दें कि ई—स्कूटी योजना बजट में 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। तीन साल की योजना पर 424 करोड़ रुपये व्यय होंगे। पहले योजना में केवल छात्राओं को ई-स्कूटी देने का प्रावधान रखा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने तीस मई को घोषणा की थी कि छात्रों को भी ई-स्कूटी दी जाएगी।
सहकारिता नीति लागू करने वाला पहला प्रदेश
मंत्रिपरिषद ने सहकारिता नीति को भी मंजूरी दे दी है। सहकारिता नीति लागू करने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य बन गया है, सरकार का ऐसा दावा कर रही है। इसके साथ ही कैबिनेट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए भी फैसला लिया है। इस वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपए करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
इन प्रस्तावों को भी किया मंजूर
कैबिनेट ने 29 नई ‘समूह नल जल योजनाओं’ को भी स्वीकृति प्रदान की है। मध्य प्रदेश के स्थाई निवासी ‘शौर्य अलंकरण श्रृंखला’ के मेडल मिलने वालों को सरकार की ओर से दी जाने वाली पुरस्कार राशि में बढ़त भी बहाल की गई है। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना के लिए भुगतान सुरक्षा की गारंटी, मुख्यमंत्री यूथ इंटर्नशिप फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम में संशोधन को स्वीकृति दी गई।