आज, 25 जून 2025 को भारत में आपातकाल की 50वीं बरसी मनाई जा रही है। आज ही के दिन 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी, जिसने भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय जोड़ा। इस अवसर पर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है और देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।
आपातकाल, जो 21 महीने तक चला, के दौरान नागरिक स्वतंत्रताओं को निलंबित कर दिया गया था, प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे और राजनीतिक विरोधियों को बड़े पैमाने पर गिरफ्तार किया गया था। बीजेपी का मानना है कि यह भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला था। इसलिए, पार्टी इस दिन को लोकतंत्र के लिए एक चेतावनी के रूप में देख रही है और लोगों को आपातकाल के दौरान हुए अत्याचारों के बारे में शिक्षित करने का प्रयास कर रही है।
बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता देशभर में संगोष्ठियों, प्रदर्शनों और अन्य आयोजनों के माध्यम से आपातकाल के दौरान के घटनाक्रमों को याद करेंगे और संविधान की रक्षा के महत्व पर जोर देंगे। इस पहल का उद्देश्य युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में जागरूक करना और यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।यह आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब देश में राजनीतिक परिदृश्य गर्माया हुआ है।
बीजेपी इस अवसर का उपयोग कांग्रेस पर हमला करने और उसे आपातकाल के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए कर रही है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि यह केवल राजनीतिक प्रतिशोध है।यह देखना दिलचस्प होगा कि आपातकाल की 50वीं बरसी पर यह ‘संविधान हत्या दिवस’ का अभियान देश की राजनीतिक चर्चा को किस दिशा में ले जाता है।