भोपाल, ब्यूरो। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल सेना के तीनों सर्विस बैंड की संयुक्त प्रस्तुति कार्यक्रम में शामिल हुए। भारतीय सशस्त्र सेनाओं के रक्षा प्रमुख जनरल श्री अनिल चौहान, भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल श्री मनोज पाण्डेय, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल श्री राधाकृष्णन हरि कुमार, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल श्री विवेक राम चौधरी, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैस, महानिदेशक पुलिस श्री सुधीर सक्सेना, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, थल सेना, नौसेना, वायु सेना एवं मध्यप्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारी गण और आमंत्रित अतिथि उपस्थित थे। राज्यपाल श्री पटेल ने रवीन्द्र भवन के हंसध्वनि सभागार में तीनों सेनाओं के सर्विस बैंड की सिम्फनी प्रस्तुतियों का आनंद लिया। राज्यपाल श्री पटेल के समक्ष तीनों सेनाओं के लगभग 60 सदस्यीय बैंड ने प्रस्तुति दी। इस संगीत कार्यक्रम में श्रोताओं के समक्ष विशेष धुनों को प्रस्तुत किया गया। विशेष धुनों में तीनों सेनाओं के शौर्य, पराक्रम, एकता एवं अनुशासन की 10 धुनें शामिल थीं। बैंड प्रस्तुतियों में देशभक्ति के फिल्मी गीत एवं धुनें भी सुनाई गई।
सिम्फनी बैंड में क्लेरिनेट, आल्टो, सैक्सोफोन, फ्लूट, टेनोर, फ्रेंच हार्न, कार्नेट, बेस, ई-फ्लेट बेस, यूफोनियम, की-बोर्ड, आक्टोपैड, हैंडसोनिक, जैज ड्रम किट इत्यादि वाद्ययंत्र शामिल थे।
राज्यपाल के समक्ष सेना के तीनों सर्विस बैंड की सिम्फनी कन्सर्ट प्रस्तुति हुई
कूनो में बढ़ा कुनबा : 4 चीतों का जन्म
कूनो नेशनल पार्क में जन्मे 4 चीते, मुख्यमंत्री शिवराज ने दी बधाई
भोपाल, ब्यूरो। मध्यप्रदेश के शेयोपुर जिले स्थित कूनो नेशनल पार्क से बड़ी खुशखबरी सामने आई है।नामीबिया से आई मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया है। जानकारी के अनुसार मादा चीता और चारों नन्हे मेहमान फिलहाल बिल्कुल स्वस्थ हैं। कुनो में अब चीतों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है। एक विशेष टीम नए मेहमानों और मादा चीता का खास ख्याल रख रही है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और सफल प्रयासों से चीता की सुखद वापसी भारत में हुई है। मध्यप्रदेश चीता स्टेट बना है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज कूनो नेशनल पार्क में चीता परिवार में चार नये शावकों के आगमन से हम समस्त मध्यप्रदेशवासी हर्षित एवं आनंदित हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर खुशी जताते हुए कहा है कि चार नये शावकों के आगमन से हम सभी मध्यप्रदेशवासी हर्षित एवं आनंदित हैं।
केंद्रीय मंत्री ने भी दी बधाई
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी ट्वीट के जरिए शावकों के जन्म को अमृत काल में जीव संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है।
एक सकारात्मक संदेश
चीता संरक्षण परियोजना में शामिल अधिकारियों के मुताबिक शावकों का जन्म एक सकारात्मक संकेत है कि कूनो नेशनल पार्क में चीते अपने नए वातावरण में अच्छी तरह से ढल रहे हैं।
कब छोड़े गए थे चीते
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 72वें जन्मदिवस के मौके पर श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था, जिनमें पांच नर और तीन मादा चीता शामिल थी।
आपको बता दें कि भारत में प्रोजेक्ट चीता (चीता संरक्षण प्रोजेक्ट) के तहत नामीबिया से चीते लाकर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए हैं।

गए थे देवी दर्शन को, भरने लगे बहनों के फॉर्म, शिवराज का यह रूप भी देखिए…
भाई शिवराज ने भरा बहनों का फॉर्म, बोले- मेरे दिल के सबसे करीब है लाड़ली बहना योजना
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ’भाई’ वाला एक और चेहरा नजर आया। उन्होंने सलकनपुर में अपनी बहनों के फॉर्म खुद भरे। इस दौरान उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। यह योजना बहनों के लिए वरदान साबित होगी। बहनों के जीवन को सरल तथा सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है। बहनों को जिस तरह राजनैतिक और सामाजिक रूप से सशक्त किया गया है, अब उन्हें आर्थिक रूप से भी सशक्त किया जाना मेरा लक्ष्य है। आपको बता दें कि सीएम शिवराज कल सीहोर जिले के प्रसिद्ध बिजासन देवी धाम सलकनपुर देवी मंदिर पहुंचे थे। वहां पर लाड़ली बहना योजना के फॉर्म भरने के लिए कैम्प लगाया गया था। इसी दौरान शिवराज सिंह चौहान कैम्प में पहुंचे और खुद लाड़ली बहना योजना के फार्म भरा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना बहनों का सम्मान बढ़ाने का महायज्ञ है। बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि बहनों को योजना में आवेदन करने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। हर गांव और हर वार्ड में शिविर लगाए जा रहे है और आवेदन भरने में मदद करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी बिचौलिए और दलाल के झांसे में न आएं। कैम्प में पहुचे शिवराज ने बहन पूजा मालवीय का आवेदन भरा और आवेदन की समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर उन्हें पावती भी दी। बहन पूजा मालवीय ने मुख्यमंत्री को रक्षासूत्र बांधा और उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने भी बहन पूजा को मिठाई खिला कर आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री ने योजना की पात्रता भी बताई। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रूपए से कम है, जिनके पास 5 एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए पात्र हैं। योजना की राशि मिलने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। बहनों के आवेदन 30 अप्रैल तक भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जांच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को बताया कि आवेदन के लिए समग्र आईडी नम्बर और आधार नम्बर आवश्यक है। इसके अलावा अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी बहनों को कोई दिक्कत न हो, यह मेरा कर्त्तव्य है। इसलिए योजना में आवेदन प्रक्रिया को बहुत सरल बनाया गया है। योजना के फॉर्म आपके गांव और शहर के वार्डों में भरवाए जा रहे है। बहनों को लोक सेवा केंद्र या कही और जाने की जरूरत नहीं है। सभी गांव एवं नगरीय वार्डों में कर्मचारियों को भेजकर फार्म भरवाए जा रहे है। उन्होंनें कहा कि वैसे तो फार्म भरने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल रखी गई है, लेकिन जब तक सभी पात्र बहनों के आवेदन नहीं भर जाते तब तक शिविर जारी रहेंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, बहनों के सशक्तिकरण के लिए बनाई गई है। सशक्तिकरण में सबसे अधिक जरूरी आर्थिक सशक्तिकरण है। बहनों के पास पैसा हो, तो उनमें आत्म.विश्वास भी होता है और स्वाभिमान का भाव भी जागृत होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवेदन भरने या ई.केवाईसी आदि के लिए कोई शुल्क नहीं लग रहा है। शासन द्वारा एक ई.केवाईसी के लिए 15 रूपए का भुगतान संबंधित कॉमन सर्विस सेंटर्स को किया जाएगा। यदि किसी बहन से ई.केवाईसी के लिए कोई पैसा मांगता है, तो सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बहनों को एक भी पैसा देने की जरूरत नहीं है। ई.केवाईसी इसलिए कराई जा रही है, जिससे बहनों के खाते में ही पैसा जाए। बहनें निश्चिंत रहेंए उनकी सारी चिंताएँ हमारी हैं।
माफिया अतीक अहमद का ’महाभारत’ कनेक्शन, देखिए कैसे 101 वें केस में हुए सजाकैसे हुई सजा
नई दिल्ली, ब्यूरो। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और उत्तर प्रदेश को मशहूर माफिया अब उम्रकैद तक जेल में सड़ेगा। क्या इस सजा का महाभारत से कोई कनेक्शन है। आईए आज ’नो टू पॉलिटिक्स’ आपको बता रहा है कि अतीक अहमद का महाभारत कनेक्शन…
आपको बता दें कि महाभारत के दौरान एक प्रसंग सामने आया था। शिशुपाल ने भगवान श्रीकृष्ण को 100 गालियां दी थीं, लेकिन भगवान ने उसका प्रतिउत्तर नहीं दिया, लेकिन फिर शिशुपला ने 101 वीं गाली दी। इसके बाद भगवान कृष्ण ने उसका सिर काट दिया था।
ठीक वैसे ही अतीक अहमद पर 100 केस पहले से ही दर्ज हैं, लेकिन उसे 101वें केस पर सजा हुई है। गौरतलब है कि अतीक अहमद उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतीक के साथ दोषी करार दिए गए दिनेश पासी और सौलत हनीफ को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि, अतीक के भाई अशरफ समेत सात जीवित आरोपी मंगलवार को दोष मुक्त करार दिए गए हैं। माफिया अतीक पर आज से 44 साल पहले पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। तब से अब तक उसके ऊपर सौ से अधिक मामले दर्ज हुए, लेकिन पहली बार किसी मुकदमे में उसे दोषी ठहराया गया है। घटना 2006 की है। इसे लेकर मुकदमा 2007 में दर्ज हुआ। लेकिन, कहानी 2005 से शुरू होती। दरअसल 25 जनवरी 2005 का दिन इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से नवनिर्वाचित विधायक राजू पाल पर जानलेवा हमला हुआ। शहर के पुराने इलाकों में शुमार सुलेमसराय में बदमाशों ने राजू पाल की गाड़ी पर गोलियों की बौछार कर दी थी। सैकड़ों राउंड फायरिंग से गाड़ी में सवार लोगों का पूरा शरीर छलनी हो गया। बदमाशों ने फायरिंग रोकी तो समर्थक राजू पाल को एक टैंपो में लेकर अस्पताल ले जाने लगे। हमलावरों ने ये देखा तो उन्हें लगा राजू जिंदा हैं। तुरंत हमलावरों ने अपनी गाड़ी टैंपो के पीछे लगा ली और फिर फायरिंग शुरू कर दी। करीब पांच किलोमीटर तक वह टैंपो का पीछा करते गए। जबतक राजू पाल अस्पताल पहुंचे, उन्हें 19 गोलियां लग चुकी थीं। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दस दिन पहले ही राजू की शादी पूजा पाल से हुई थी। राजू पाल के दोस्त उमेश पाल इस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। हत्याकांड के बाद अतीक ने कई लोगों से कहलवाया कि उमेश केस से हट जाएं नहीं तो उन्हें दुनिया से हटा दिया जाएगा। उमेश नहीं माने तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया। उसे करबला स्थित कार्यालय में ले जाकर अतीक ने रात भर पीटा था। अतीक ने उनसे अपने पक्ष में हलफनामा लिखवा लिया। अगले दिन उमेश ने अतीक के पक्ष में अदालत में गवाही भी दे दी। हालांकि वह समय बदलने का इंतजार कर रहे थे। 2007 में बसपा सरकार बनी। मायावती मुख्यमंत्री बनीं। 2007 के चुनाव में एक बार फिर शहर पश्चिमी सीट से अतीक के भाई अशरफ को राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने हरा दिया। इसके बाद अतीक पर शिकंजा कसना शुरू हुआ। हालात बदले तो उमेश ने अपने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले की उमेश सालों पैरवी करते रहे। उमेश पाल ने अपने अपहरण के मामले को लगभग अंजाम तक पहुंचा दिया, लेकिन फैसले से एक महीने पहले उनकी हत्या कर दी गई। अब इसी मामले में अतीक दोषी करार दिया गया। इसके साथ ही 44 साल तक अपने आतंक को कायम रखने वाले अतीक को जिदंगी में पहली बार सजा होने जा रही है। तो 28 फरवरी 2006 को अतीक के लोगों ने उमेश को उठा लिया। रातभर उन्हें पीटा गया। उमेश को उस समय लगा था कि यह उसकी आखिरी रात है। अतीक ने उससे हलफनामा पर दस्तखत करा लिए। हलफनामे पर लिखा था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। न ही उन्होंने किसी को वहां देखा था। अगले दिन यानी एक मार्च को अतीक ने अदालत में उमेश के हलफनामा को प्रस्तुत कर अदालत के सामने गवाही भी दिलवा दी। उस समय शासन प्रशासन में अतीक की तूती बोलती थी। 2007 में जब बसपा सरकार बनी तो स्थिति बदलने लगी। अतीक के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई। पांच जुलाई 2007 को उमेश ने अतीक, अशरफ समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इनमें से एक की मौत हो चुकी है। अतीक के खिलाफ कुल 101 मुकदमे दर्ज हुए। वर्तमान में कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं, जिनमें एनएसए, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। उस पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था। इसके बाद जुर्म की दुनिया में अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हत्या, लूट, रंगदारी अपहरण के न जाने कितने मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज होते रहे। मुकदमों के साथ ही उसका राजनीतिक रुतबा भी बढ़ता गया। 1989 में वह पहली बार विधायक हुआ तो जुर्म की दुनिया में उसका दखल कई जिलों तक हो गया। 1992 में पहली बार उसके गैंग को आईएस 227 के रूप में सूचीबद्ध करते हुए पुलिस ने अतीक को इस गिरोह का सरगना घोषित कर दिया। 1993 में लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड ने अतीक को काफी कुख्यात किया। गैंगस्टर एक्ट के साथ ही उसके खिलाफ कई बार गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की गई। एक बार तो उस पर एनएसए भी लगाया जा चुका है।
किसानों को मिल तोहफा, कर्ज चुकाने की समय सीमा बढ़ाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के अहम निर्णय
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई जानें देसी निर्णय लिए गए हैं। इसमें सबसे बड़ा निर्णय किसानों के हित में लिया गया है।
-किसानों को ऋण राशि का ब्याज जमा करने की समय सीमा बढ़ा कर 30 अप्रैल की गई।
-अमरकंटक विद्युत गृह चचाई में विस्तार इकाई की स्थापना का निर्णय।
- साढ़े 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से इस पावर प्लांट का निर्माण होगा।
- खंडवा में नवीन तहसील छैगांव माखन के सृजन का निर्णय
- नई तहसील कार्यालय के लिए 17 पदों को भी स्वीकृति
- सिंगरौली जिले में नई तहसील बरगंवा और आगर मालवा में सोयत कला के सृजन का निर्णय
- पन्ना में नवीन कृषि महाविद्यालय खोलने को मंजूरी