Thursday, June 26, 2025
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अजब—गजब : दिव्यागों की कला देखकर दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे आप

  • भोपाल में लगा है दिव्य कला मेला
  • 19 राज्यों के 108 दिव्यांग कलाकार हुए शामिल
  • देश का तीसरा दिव्य कला मेला है यह

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित ‘भोपाल हाट’ में इन दिनों एक अलग तरह का मेला आयोजित हो रहा है। इसे ‘दिव्य कला मेला’ नाम दिया गया है। इस मेले में 19 राज्यों के 108 दिव्यांग कलाकार अपना हुनर प्र​दर्शित कर रहे हैं। मेले की खास बात यह है कि यहां पर दिव्यांग कलाकारों द्वारा नि​र्मित उत्पादों की खरीदी—बिक्री भी हो रही है। यहां आए कलाकारों में से कोई देख नहीं सकता, कोई सुन नहीं सकता, तो कोई चल नहीं सकता। लेकिन खास बात यह है कि इन सभी के अंदर कला कूट—कूटकर भरी है।

यह सामान हैं उपलब्ध

दिव्य कला मेले में घर सज्जा, लाइफस्टाइल, कपड़े, स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद, खाद्य और जैविक उत्पाद, खिलौने और उपहार, व्यक्तिगत उपकरण, आभूषण आदि उपलब्ध हैं। यहां पर आने वाले लोग जमकर खरीदी कर रहे हैं। यहां जम्मू और कश्मीर और उत्तर पूर्व राज्यों सहित देश के विभिन्न हिस्सों के उत्पादों के साथ-साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई कार्यों और खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन किया जा रहा है।

पैन से लिखो फिर गमले में डाल दो, पेड़ बन जाएगा

एक स्टॉल में ऐसे पैन की​ बिक्री की जा रही है, जो पूरी तरह कागज से बना है। इससे किसी भी तरह का पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। इसे इस्तेमाल करने के बाद इसे मिट्टी में लगा दिया जाये तो वहां पौधा उग आता है। यहां पर ई—वेस्ट को रिसाइकिल करके भी उत्पाद बनाए गए हैं।

पाश्मीना कलाकारी मोह रही मन

यहां पर जम्मू—कश्मीर से आए कलाकार द्वारा कपड़ों में शॉल भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। दोनों पैरों से दिव्यांग कलाकार द्वारा बनाए गए इन कपड़ों और शॉलों को देखकर कोई भी मुग्ध हो सकता है।

केंद्र सरकार कर रही है पहल

दिव्यांगजन को उद्यमी और शिल्पकार के रूप में गढ़ने के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस मेले में दिव्यांगजनों को नि:शुल्क स्टॉल आवंटित किये गए हैं। इसका लक्ष्य यह है कि दिव्यांगजन कलाकार अपनी प्रतिभा को बड़े शहर और बड़े मंच में प्रदर्शित कर सकें। यहां पर प्रदर्शित किये जा रहे सभी उत्पाद पर्यावरण संरक्षण करने वाले हैं। आयोजकों ने बताया कि भारत सरकार के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को हर संभव सहायता प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य ये ऐसे मेले आयोजित किये जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने विशेष रूप से दिव्यांगजनों के बीच उद्यमिता और शिल्प कौशल को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। इसी के तहत दिव्यांग भाइयों और बहनों को प्रशिक्षण, कौशल और वित्त प्रदान करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है।

खेतों में शिवराज, बहन को लगाया गले, 32 हजार हेक्टेयर नुकसानी, बेटियों की शादी सरकार कराएगी

भोपाल, ब्यूरो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार सुबह किसानों के हाल-चाल जानने निकले। वे सबसे पहले विदिशा जिले की गुलाबगंज तहसील के ग्राम मूडरा गणेशपुर पहुंचे। खेतों में उतरकर ओलावृष्टि प्रभावित फसलों का अवलोकन लिया और संकटग्रस्त किसानों को सहायता का आश्वासन भी दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए कई ऐलान भी किये हैं। उन्होंने कहा है कि 50 प्रतिशत से अधिक नुकसानी पर किसानों को प्रति हेक्टेयर अब 32 हजार रुपए की राहत राशि दी जाएगी। इसके साथ ही फसल बीमा की राशि अलग से दी जाएगी।

मैं किसानों को संकट से बाहर निकाल लूंगा

मुख्यमंत्री ने कहा है कि उद्यानिकी फसलों को भी सर्वे में शामिल किया जाएगा। किसान चिंता न करें, परेशान न हों, चिंता के लिए मैं मुख्यमंत्री हूं और किसान बहिन और भाईयों को सभी तरह के संकट से बाहर निकाल कर ले जाऊंगा।

चिंता न करें मेरे भाई-बहन

खेतों में किसानों को देखकर मुख्यमंत्री खुद भावुक हो गए, उन्होंने महिला किसान को गले लगा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान चिंता नही करे, प्रत्येक प्रभावित खेत का सर्वे मानवीय दृष्टिकोण और उदारता से होगा। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी हीला-हवाली नहीं करे और पारदर्शी तरीके से नुकसान का सर्वे करे। उन्होंने कहा कि सर्वे सूची पंचायत भवन पर प्रदर्शित की जाएगी और आपत्ति होने पर उसका भी निराकरण किया जायेगा।

इतनी मिलेगी नुकसानी राशि

मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि एक हेक्टेयर फसल में 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर अब 32 हजार, गाय भैंस को हानि पर साढ़े 37 हजार, भेड़ बकरी पर 4000, बिछिया पर 2000 तथा मुर्गा मुर्गी की हानि पर 100 रुपए, प्रत्येक के मान से राहत राशि दी जाएगी। मकानों को क्षति पर भी सहायता दी जाएगी।

नहीं वसूला जाएगा कर्ज, देंगे लोन

पीड़ित किसानों की कर्ज वसूली की तारीख तो बढ़ाई जाएगी। ब्याज भी सरकार भरेगी और अगली फसल के लिए भी शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन दिलाया जायेगा। समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए तारीख भी बड़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे परिवारों की बेटी की शादी भी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 56 हजार की राशि देकर करवाई जायेगी।

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Mamta Banerjee And Nitish Kumar Did Not Attend The Meeting Called By Arvind Kejriwal On Third Front – केजरीवाल की बुलाई बैठक में शामिल नहीं हुए ममता बनर्जी और नीतीश कुमार


केजरीवाल की बुलाई बैठक में शामिल नहीं हुए ममता बनर्जी और नीतीश कुमार

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिशों में जुटे हैं.

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के आम चुनाव से पहले तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयासों के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भाजपा और कांग्रेस दोनों से दूरी बनाए रखना चाहती है, जबकि कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) बिहार में कांग्रेस के साथ गठबंधन साझेदार है.

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बंगाल सरकार के एक सूत्र ने कहा कि केजरीवाल ने पांच फरवरी को आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बैठक का निमंत्रण भेजा था. सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “केजरीवाल ने उन्हें (बनर्जी को) 18 मार्च को बैठक के लिए आमंत्रित किया था. सात अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी ऐसा ही निमंत्रण भेजा गया था. हालांकि बैठक हुई ही नहीं.”

सूत्र ने कहा कि बनर्जी इस महीने के अंत में राष्ट्रीय राजधानी जा सकती हैं, लेकिन केजरीवाल से मुलाकात के बारे में अभी कोई बात सामने नहीं आई है. पिछले सप्ताह बनर्जी की समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद टीएमसी ने कहा था कि वह कांग्रेस और भाजपा दोनों से अलग राह चलेगी.

दूसरी ओर, पटना में नीतीश कुमार को दिल्ली के मुख्यमंत्री का पत्र मिलने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जानकारों का मानना ​​है कि नीतीश कुमार गठबंधन में अपनी सहयोगी कांग्रेस के मद्देनजर ‘आप’ से दूरी बनाए हुए हैं.



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स्कूलों में पढ़ाया जाएगा रानी अवंतिबाई, राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह का पाठ : शिवराज सिंह चौहान


जबलपुर, ब्यूरो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को जबलपुर के पास बरगी में रानी अवंतीबाई बलिदान दिवस समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिन्होंने देश की आजादी के लिए, अपने अस्तित्व की सम्पूर्ण क्षमता झोंककर अंग्रेजों से युद्ध किया और बलिदान दिया, ऐसी रानी अवंतीबाई को हम सभी प्रणाम करते हैं। 1857 के स्वातंत्र्य समर में रानी अवंतिबाई केआह्वान पर इस क्षेत्र के राजा-जागीरदारों के रूप मे अनेकों क्रांतिकारी इकट्ठे हुए थे। ये वही दौर है जब राजा रघुनाथ शाह जी, शंकर शाह जी जैसे क्रांतिवीरों ने अंग्रेजों को खदेड़ने का प्रयास किया था। इनके अलावा हीरापुर के मेहरबान सिंह जी, विजयराघौगढ़ के सरजू प्रसाद जी, सोहगपुर के गरुड़ सिंह जी जैसे क्रांतिवीर अंग्रेजों से युद्ध में शामिल हुए थे। 18 सितम्बर 1857 को राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह को तोप के मुंह से बाँध कर उड़ा दिया गया था, इसके बाद इस पूरे क्षेत्र में क्रांति की बागडोर रानी अवंतिबाई ने संभाली थी। उनके आदेश पर रामगढ़ के सेनापति ने भुआ-बिछिया थाने पर हमला किया था, जिसके बाद क्रांतिकारियों ने थाने पर कब्जा कर लिया था। घुंघरु पर चढ़ाई के बाद 4000 सैनिकों के साथ खेड़ी के युद्ध में रणचंडी बन कर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये थे। रानी की बहादुरी से अंग्रेजों को मंडला से भागने पर मजबूर होना पड़ा था। मंडला के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर बालिंगटन ने रानी के अद्भुत शौर्य और नेतृत्व क्षमता के बारे में अपनी चिट्ठियों में उल्लेख किया था। 1858 में अंग्रेजों ने फिर से एक बड़ी सेना के साथ रानी अवंतिबाई पर हमला किया। रानी के वीर क्रांतिकारी सैनिक लड़ते रहे, शहीद होते रहे और जब रानी ने यह देखा कि शायद हम जीत नहीं पाएंगे तो उन्होंने कहा कि मेरे शरीर को अंग्रेजी हाथ न लग पाएं, इसलिये खुद कटार घोंपकर अपना आत्मबलिदान किया था।

सीएम शिवराज ने गाना गाकर भी सुनाया

धन्य भूम भई मनकेड़ी की जितै अवतरी रानी
जुगन जुगन नो जाहर हो गई उनकी अमर कहानी
बड़ी प्रेम सैं चबा चुकी ती देसप्रेम को बीड़ा
जिअत जिअत नौनी धरनी की दूर करत रई पीड़ा
ऐसी वीरांगना रानी अवंतिबाई के चरणों में बारम्बार प्रणाम करता हूं।

उनके कारण ही आजाद हुआ देश

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आजादी के लिए हजारों क्रांतिकारी हंसते हंसते शहीद हो गए थे। उनके गरम, गाढ़े और लाल रक्त से भारतभूमि रंग गई थी, उनके त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण ही देश आजाद हुआ था। लेकिन आजादी के नायकों को भुला दिया। जो पार्टी पहले 50 साल तक राज करती रही, उन्होंने केवल एक ही खानदान को आजादी का नायक बताया। गाँधी जी के योगदान को हम प्रणाम करते हैं, लेकिन हम राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह, वीरांगना रानी अवंतिबाई, बादल भोई, टंट्या मामा, भीमा नायक, महारानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहब पेशवा, वासुदेव बलवंत फड़के, लाला हरदयाल, ऊधम सिंह, खुदीराम बोस, राजगुरु, सुखदेव, भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, स्वातंत्रय वीर सावरकर जैसे नायकों को भूल गए।

उनकी समाधि पर एक दिया भी नहीं, जिनके लहू से मिली थी आजादी-वतन,
जगमगा रहे थे मकबरे उनके, जो बेचा करते थे शहीदों के कफन।

मेरे मन में संतोष है कि सर्वोच्च बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों की पूजा करने का सौभाग्य हमें मिला है। मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को भी धन्यवाद दूंगा कि ऐसे सभी शहीदों के स्मारक बनाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी हम ऐसे सभी वीर शहीदों के स्मारक बना रहे हैं। मुझे प्रसन्नता है कि आपने महाविद्यालय का नाम राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह के नाम पर रखने की बात कही। हमने छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी का नाम राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह के नाम पर रखने का काम किया है।

स्मारक बनाएगी एमपी सरकार

मैं अमर शहीदों का चारण, उनके जस गाया करता हूं। जो कर्ज राष्ट्र ने खाया है, उसे चुकाया करता हूं। इस स्थान पर वीरांगना रानी अवंतिबाई की प्रतिमा लगाने का सौभाग्य पुरानी सरकारों को नहीं मिला। प्रतिमा से सटी हुई भूमि पर रानी की वीरगाथाएं उकेरते हुए स्मारक बनाने का काम करेंगे। एनवीडीए से उपयुक्त जमीन लेकर इस स्थान पर स्मारक का निर्माण किया जाएगा। हमने तय किया है कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में वीरांगना रानी अवंतिबाई, राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह का पाठ भी पढ़ाया जाए। समाज के साथ मिलकर, जहाँ भी आवश्यक होगा, उनकी स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिए प्रयास करते रहेंगे। जिन गाँवों तक पानी नहीं पहुंचा है वहाँ पर पानी पहुंचाने के लिए तत्काल सर्वे के आदेश दूंगा। अगर नहरों के जरिये पानी नहीं पहुंचेगा तो पाइप लाइन के सहारे पानी पहुंचा कर धरती को सींचने का काम करेंगे। हमने सिंचित भूमि का रकबा साढ़े सात लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर तक किया है। एक बार पुनः मैं रानी अवंतिबाई के चरणों में प्रणाम करता हूं।
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।

लाड़ली बहना योजना : बहनों का बदलेगा जीवन, पैसे मांगने वालों को जेल भेजूंगा

बालाघाट, ब्यूरो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को बालाघाट के लांजी पहुंचे। वहां, उन्होंने लाड़ली बहना सम्मेलन में अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस दिन मैं मुख्यमंत्री बना, उस दिन मैंने तय कर दिया, मध्यप्रदेश में बेटियों की शादी सरकार करेगी। हमने शादी करना शुरू किया, मुझे थोड़ा संतोष मिला। कमलनाथ की सरकार आई, उन्होंने कहा 51,000 रुपये देंगे। लेकिन इन्होंने योजना ही बंद कर दी। हमने यह योजना फिर प्रारंभ की है। अब इस योजना में 56,000 रुपये दिए जाते हैं। हमने यह भी तय किया है कि शादी का सामान देने के बजाय 50,000 रुपये का चेक बेटियों को देंगे, 6,000 रुपये शादी में खर्च होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी को बोझ नहीं रहने देना, वरदान बनाना है। मेरे दिल ने कहा कि बेटी वरदान बन जाए। मैंने सोचा कि बेटी पैदा होते ही लखपति हो जाए, तो अपने आप वरदान बन जाएगी। सीएम शिवराज ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई, इसमें बेटी के जन्म लेते ही 30,000 रुपये से खाता खोलेंगे। 21 साल की होने पर बेटी लखपति हो जाएगी। दुनिया में अपनी तरह की यह पहली योजना है। इसमें 44 लाख 55 हजार लाड़ली लक्ष्मी हैं। पढ़ाई की फीस भी मामा भरवाएगा, मम्मी-पापा चिंता न करें। कॉलेज में एडमिशन लेने पर 12,500 और डिग्री लेने पर 12,500 रुपये बेटी को दिए जाते हैं। मैंने यह भी तय किया कि राजनीति में बहन का स्थान पक्का करना पड़ेगा, इसके लिए 50% आरक्षण बहनों को दिया। 56% बहनें चुनाव जीतकर आई हैं। पुलिस में 30%और शिक्षक की भर्ती में भी 50% आरक्षण दिया। फिर भी मेरे मन को चैन नहीं मिला। इज्जत और सम्मान कैसे बढ़े, इसके लिए आजीविका मिशन में तय किया कि बहनों के स्वसहायता समूह बनाएंगे। कई बहनें इससे आमदनी बढ़ा रही हैं। मुझे इससे भी चैन नहीं मिला। मैंने सोचा कि मेरी बहनों को अपने पतियों के सामने हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं पड़ना चाहिए। मेरे मन में विचार आया कि हर महीने बहनों के खाते में 1,000 रुपये डालूंगा। मैंने इसके लिए लाड़ली बहना योजना बनाई है। गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय बहनें जिनकी आय ढाई लाख रुपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो, जिनके पास 5 एकड़ से ज्यादा जमीन न हो और चार पहिया वाहन न हो, वो इस योजना की पात्र होंगी। यह योजना क्रांति पैदा करेगी। मुझे बहनों की इज्जत परिवार में बढ़ाना है।पतिदेव अभी तक तो बहाना बनाते थे लेकिन अब यदि उनको भी जरूरत पड़ी, तो मेरी बहनें उनको भी पैसे दे देगी। बहनें इन पैसों का कभी दुरुपयोग नहीं करेगी, ये मेरा विश्वास है। मेरी बहनों, ये केवल 1,000 रुपये देने की योजना नहीं, बहनों की जिंदगी बदलने का अभियान है। यह आपका मान-सम्मान बढ़ाएगी, आत्मविश्वास बढ़ाएगी। एक दिन आएगा, जब माता कहेगी, बेटा तो ठीक है, मेरे घर बटी पैदा हो जाए, तो ज्यादा अच्छा रहेगा। मैं चौथी बार मुख्यमंत्री इसलिए बना क्योंकि मुझे तुम्हारी जिंदगी बदलना थी। सीएम शिवराज ने कहा कि तक मैं तुम्हारी जिंदगी नहीं बदल देता, तब तक चैन की साँस नहीं लूँगा। मैंने पैसे का इंतजाम कर लिया है, पैसों की कोई कमी नहीं है। इस योजना में E-KYC करने के लिए कोई पैसे मांगे, तो शिकायत कर देना, मैं उनको जेल भेज दूंगा। किसी को कोई पैसा नहीं देना है। 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे, मई में आवेदनों की जाँच हो जाएगी। जून से खातों में पैसे आना प्रारंभ हो जाएगा। मेरा मन तो सदैव अपनी बहनों के लिए तड़पता है, अपनी बेटियों के लिए धड़कता है। मैंने एक फैसला किया है कि 1 अप्रैल से मध्यप्रदेश में दारू के अहाते बंद कर दिए जाएंगे। तुम्हारे होंठों पर खुशियाँ हों, तो तुम्हारे भाई की जिंदगी सफल हो जाएगी। लाड़ली बहना सेना बनाने का संकल्प लें। हम एक टीम बनाएँ, जो बहनों की चिंता करें, घरेलू हिंसा के खिलाफ लड़ें, अन्याय-अत्याचार के खिलाफ लड़ें, कुरीतियों को खत्म करें, तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ खड़ा है। अब बहनों और बेटियों का नया जमाना आएगा। वहीं, सीएम शिवराज ने कहा कि हम यहाँ के कोटेश्वर महादेव मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए ASI से अनुमति लेकर काम करेंगे।

मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक 2023 के प्रारूप के अनुमोदन के लिए सीएम बघेल को दिया धन्यवाद


रायपुर, ब्यूरो। मुख्यमंत्री श्री भूपेश से आज यहाँ विधानसभा स्थित उनके कार्यालय कक्ष में रायपुर प्रेस क्लब के सदस्यों ने सौजन्य मुलाकात की । उन्होंने केबिनेट की बैठक में प्रदेश भर के पत्रकारों के हित में छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक 2023 के प्रारूप के अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री दामू अम्बाडारे, कोषाध्यक्ष सुश्री शगुफ्ता शिरीन, श्री मोहसिन अली एवँ सदस्यगण उपस्थित थे।

पहले दरिंदों ने रेप किया, अब अच्छे युवा शादी करने के लिए हो रहे राजी


भोपाल, ब्यूरो। किसी मासूम से, किसी किशोरी से, किसी महिला से दुष्कर्म की ऐसी कई खबरें आती हैं, जो इंसानियत को झकझोर देती हैं। दुष्कर्म की घटना में अपराधियों के आगे वे बेबस होती हैं, लाचारी में उनका जीवन तबाह कर दिया जाता है। कई बार समाज ऐसी महिलाओं को त्याग देता है। लेकिन अब समाज की धारणा बदल रही हैं। सरकार हो या समाज दुष्कर्म से पीड़ित महिलाओं को भी सम्मान की दृष्टि से देखा जा रहा है। एक और जहां सरकार और सामाजिक संस्थाएं इन महिलाओं को आश्रय उपलब्ध करा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर उनके वैवाहिक जीवन के लिए भी संकल्प पूरा कर रहे हैं। इसका सकारात्मक प्रभाव मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में देखने को मिल रहा है। निर्भया शेल्टर होम में दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं के विवाह के ​लिए अच्छे रिश्ते आ रहे हैं। शेल्टर होम के संचालक अफजल खान के अनुसार समाज में बदलाव की बयार देखने को मिल रही है। जब महिला के समक्ष विवाह का प्रस्ताव आता है तो वह म​हिला पहली मुलाकात में ही अपने बीते हुए पलों को खुलकर बताती है। कई मामलो में लड़के, उन लड़कियों और महिलाओं का सिर्फ वर्तमान देखकर विवाह करने को राजी हो जाते हैं। एक ऐसी ही कहानी है, जिसमें 11 वर्ष पहले एक बच्ची 13 वर्ष की थी, तब उससे दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। इस वारदात के बाद वह गर्भवती हुई और उसे बेटा हुआ। आज जबकि उसका बेटा 10 साल का है, महिला का घर बस चुका है। समाज की सोच में आए सकारात्मक बदलाव के चलते आज महिला के पास पति और बच्चे के पास पिता है। परिवार का कहना है कि किसी महिला के साथ अगर जबरदस्ती में अपराध हुआ है तो उसके लिए महिला का क्या दोष है। भोपाल में दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं और बच्चों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल में रेप पीड़िताओं से शादी करने के लिए कई युवक आगे आ रहे हैं। निर्भया शेल्टर होम में दो महिलाओं की शादी हो चुकी है। इसके साथ ही कुछ रिश्तों में बात फाइनल होने जा रही है। मध्य प्रदेश में भी ऐसी 4 शादियां हो चुकी हैं।
शेल्टर होम में रहने वाली युवतियों के विवाह के लिए बनाए जाने वाले बायोडाटा में साफ लिखा जा रहा है कि वे दुष्कर्म पीड़िता हैं। इससे किसी युवक को यह संदेश नहीं जाता कि महिला द्वारा कुछ छिपाया गया है। ऐसे में रिश्ते प्रगाढ़ होते हैं। समाजसेवी विभांशु जोशी ने कहा कि यह बहुत अच्छी खबर है कि समाज में बदलाव आ रहा है। लेकिन महिलाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर कुछ और सुझाव भी शामिल किये जाने चाहिए। जैसे कि पहले यह पता करना चाहिए कि कोई युवा कहीं इसलिए तो शादी नहीं कर रहा कि उसे आर्थिक मदद मिल सके, क्योंकि दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं और उनसे हुए बच्चों को सरकारी सहायता मिलती है। ऐसे मामलों में शादी के बाद भी महिला की देखरेख के लिए एक संस्थागत इकाई बनाई जानी चाहिए, जो कि विवाह के बाद भी महिला के जीवन को सुगम बनाने में मदद कर सके।

काम की खबर : लाड़ली बहना योजना में ऐसे करें आवेदन

  • फार्म भरवाने के लिए गाँव और वार्डों में 25 मार्च से लगेंगे शिविर
  • ई-केवायसी के लिए नहीं देना है कोई शुल्क
  • मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मीडिया के माध्यम से बहनों को दिया संदेश

भोपाल, ब्यूरो। लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojna), बहनों के सशक्तिकरण के लिए बनाई गई है। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया बेहद आसान है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री सशक्तिकरण में सबसे अधिक जरूरी आर्थिक सशक्तिकरण है। बहनों के पास पैसा हो, तो उनमें आत्म-विश्वास भी होता है और स्वाभिमान का भाव भी जागृत होता है। इसलिए हमने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में हर पात्र बहन के खाते में हर महीने 1000 रूपए डालने का निर्णय लिया है। योजना में वे बहने पात्र होंगी, जिनकी आयु 23 से 60 वर्ष के बीच हो, विवाहित हो, परिवार की आय ढाई लाख रूपए वार्षिक से कम हो और ऐसे परिवार जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन हो। परिवार का मतलब पति, पत्नी और उनके बच्चे हैं। ऐसी पात्र बहनों के खाते में हर महीने एक हजार रूपए आएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सोशल और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर जारी संदेश में यह बात कही।

बहनों को लोक सेवा केन्द्र या अन्य कहीं जाने की जरूरत नहीं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मेरी बहनों को कोई दिक्कत न हो, यह मेरा कर्त्तव्य है। इसलिए योजना में आवेदन प्रक्रिया को बहुत सरल बनाया गया है। योजना के फॉर्म आपके गाँव और शहर के वार्डों में भरवाए जाएंगे। बहनों को लोक सेवा केंद्र या कही और जाने की जरूरत नहीं है। सभी गाँव में हमारे कर्मचारी आएंगे और फॉर्म भरवाएंगे। इसके लिए 25 मार्च से शिविर लगना शुरू होंगे। जब तक सभी बहनों के आवेदन नहीं भर जाते तब तक शिविर लगेंगे।

समग्र आई.डी. और आधार नंबर है तो कोई दिक्कत नहीं होगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि आवेदन में अपना नाम, पति का नाम, मोबाइल नंबर आदि दर्ज कराने के अलावा तीन जरूरी जानकारी बहनों के पास होनी चाहिए। पहला- आपकी या आपके परिवार की समग्र आईडी, दूसरा- आपका आधार नंबर और तीसरा- समग्र में दर्ज आपका मोबाइल नंबर। यह जानकारी यदि बहनों के पास है तो उनको कोई दिक्कत नहीं होगी। आवेदन भरा जाएगा और उसके बाद ई-केवाईसी करवाई जाएगी। इसके लिए बहनों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है। गाँव और शहर के वार्ड में ही ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी। जहाँ कनेक्टिविटी नहीं है, वहाँ दूसरे गाँव या कॉमन सर्विस सेंटर में बहनों को ले जाने की आवश्यकता पड़ती है तो उनके लिए वाहन की व्यवस्था शासन द्वारा की जाएगी।

यदि कोई पैसा मांगता है तो सीएम हेल्पलाइन 181 नंबर पर करें शिकायत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ई-केवाईसी के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। शासन द्वारा एक ई-केवाईसी के लिए 15 रूपए का भुगतान संबंधित कॉमन सर्विस सेंटर्स को किया जाएगा। यदि किसी बहन से कोई ई-केवाईसी के लिए पैसा मांगता है तो सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऐसे लोगों को जेल भिजवाया जाएगा। बहनों को एक भी पैसा देने की जरूरत नहीं है। यदि मेरी बहनों को परेशानी होती है, तो मेरे भाई होने का मतलब ही क्या है। इसलिए निश्चिंत रहिए-परेशान मत होइए। अपने गाँव, शहर में ही रहें। हमारी टीम आपसे संपर्क करेगी, शिविर में लाएगी और सारी औपचारिकता पूरी करवाएगी। ई-केवाईसी इसलिए कराई जा रही है, जिससे बहनों के खाते में ही पैसा जाए। बहने निश्चिंत रहें, उनकी सारी चिंताएँ हमारी हैं।

सीएम को ऐलान : किसानों के नुकसान की पाई-पाई की भरपाई करेगी सरकार

  • प्रदेश के 20 जिलों में असमय बारिश और ओलावृष्टि की जानकारी आई है
  • 6 से 8 मार्च के लगभग हुई बारिश के दौरान पहले फेस का सर्वे पूरा हो चुका है
  • 16 से 19 मार्च तक दूसरे फेस का सर्वे शुरू हो चुका है
  • सभी जगह सर्वे दल गठित हो चुके है और सर्वे का काम चल रहा है
  • सर्वे दल में राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अमले को शामिल किया गया है


भोपाल, ब्यूरो।
किसान पुत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के बाद पीड़ित किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में नुकसान और सर्वे की आपातकालीन समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया है कि फसलों के नुकसान की पाई-पाई भरपाई की जाएगी। बैठक में सीएम ने अधिकारियों को फसलों का समय सीमा में सर्वे पूरा होने के बाद सूची को पंचायत के दफ्तर में लगाने के निर्देश दिए।आपातकालीन बैठक में दी गई जानकारी

शिवराज सिंह चौहान ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सर्वे में लापरवाही ना हो, पूरी ईमानदारी से सर्वे किया जाए और किसी भी प्रकार की कोई गलती ना करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवेन्यू, कृषि और पंचायत विकास के अमले को सर्वे में एक साथ शामिल करें और सर्वे पूरा होने के बाद सूची को पंचायत के दफ्तर में लगाया जाए। सर्वे होने के बाद किसी किसान की आपत्ति आती है तो उसका भी निराकरण किया जाए। सीएम शिवराज ने कहा कि आरबीसी 6-4 के अंतर्गत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी, वहीं पशु हानि की भी भरपाई मध्यप्रदेश सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने फसल सर्वे का पूरा काम 25 मार्च तक करने के निर्देश दिये हैं।

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