पटना में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार रैली’ में एक बार फिर जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव को अपमान का घूंट पीना पड़ा। कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी का विलय करने और ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद, उन्हें मंच पर जगह नहीं दी गई। उन्हें मंच पर चढ़ने से रोक दिया गया, जिसके बाद उन्हें दर्शकों के बीच कुर्सी पर बैठकर ही रैली देखनी पड़ी।
यह घटना तब हुई जब राहुल गांधी बिहार में अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन के अवसर पर विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे। रैली के लिए एक बड़ा मंच सजाया गया था और इस पर ‘इंडिया’ गठबंधन के कई बड़े नेता मौजूद थे, लेकिन पप्पू यादव को मंच पर चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई।
काफी देर तक इंतजार करने और मंच पर जाने की कोशिश नाकाम होने के बाद, पप्पू यादव आम लोगों की तरह जमीन पर लगी कुर्सियों पर बैठ गए। उन्होंने कुछ देर तक राहुल गांधी और अन्य नेताओं के भाषण सुने, लेकिन राहुल गांधी का भाषण खत्म होने से पहले ही वे नाराज होकर रैली स्थल से चले गए।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि पप्पू यादव को कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन में किस तरह की भूमिका दी जा रही है। इससे पहले भी कई मौकों पर उन्हें सार्वजनिक तौर पर इसी तरह की बेरुखी का सामना करना पड़ा है। राजनीतिक गलियारों में इस बात पर चर्चा हो रही है कि पप्पू यादव को लगातार हो रहे इस अपमान के बाद भी वह चुप क्यों हैं और आखिर वह कितनी बार इस तरह की बेइज्जती सहेंगे।