नई दिल्ली – ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 17 जून को हुई एक फोन कॉल के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस बातचीत में पीएम मोदी ने ट्रंप को कुछ मुद्दों पर सीधा और स्पष्ट जवाब दिया, जिससे दोनों नेताओं के बीच तनाव बढ़ गया।
फोन कॉल में क्या हुआ?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बातचीत तब हुई जब कनाडा में G7 समिट के दौरान ट्रंप और मोदी की मुलाकात नहीं हो पाई। ट्रंप के G7 समिट से जल्दी निकलने के कारण यह मुलाकात टल गई थी। इसके बाद दोनों नेताओं ने फोन पर बात की। इस बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने ट्रंप को दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर करारा जवाब दिया:
सीजफायर पर स्पष्टीकरण: ट्रंप ने सीजफायर को लेकर अमेरिकी दखल की बात कही थी, जिस पर मोदी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की अपील पर सीजफायर हुआ है, न कि अमेरिका के हस्तक्षेप से।
कश्मीर पर मध्यस्थता से इनकार: पीएम मोदी ने साफ तौर पर कहा कि भारत कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। यह भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी बाहरी देश का दखल मंजूर नहीं है।
संबंधों पर प्रभाव
रिपोर्ट बताती है कि इस फोन कॉल के बाद से ही दोनों नेताओं के बीच संबंध ज्यादा खराब हुए। मोदी के इन स्पष्ट जवाबों ने ट्रंप को नाखुश कर दिया था, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच व्यापार और अन्य कूटनीतिक मामलों में तल्खी देखी गई। यह घटना दिखाती है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और संप्रभुता के मुद्दों पर किसी भी दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं है।


