नई दिल्ली: योग पूरी दुनिया में अपनी खास जगह बना चुका है और कई देशों के लोग इसे अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा भी बना चुके हैं. वहीं कोरोना वायरस महामारी के इस समय में योग का प्रचलन और बढ़ गया है. मुस्लिम बहुल आबादी वाले बांग्लादेश में कोरोना वायरस संक्रमणों के कुल मामलों में से 10 प्रतिशत मामले पुलिस के हैं. वहां अब अपने स्वास्थ्य को बेहतर करने और घातक वायरस को दूर रखने के लिए पुलिस अधिकारी योग का सहारा ले रहे हैं. मई के अंत में हटाए गए लॉकडाउन को पूरे देश में लागू करने में पुलिस ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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इसके चलते देश भर में 6,000 पुलिस अधिकारी COVID-19 संक्रमित हुए हैं और इनमें से 19 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई है. राजधानी ढाका में 1,850 पुलिसकर्मियों को यह बीमारी हुई और सरकारी आंकड़ों के अनुसार 10 की मौत हुई है.
ढाका पुलिस के राजनयिक सुरक्षा प्रभाग के प्रवक्ता राजन कुमार साहा ने कहा, “वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सड़कों पर रह रहे हैं.” रविवार को पुलिस अधिकारियों के लिए योग सत्र आयोजित करने की पहल के पीछे यह सुरक्षा विभाग भी था.
साहा ने कहा, “हमें निर्देश दिया गया था कि इस संकट के बीच बल को नैतिक रूप से बढ़ावा देने के लिए क्या किया जा सकता है. यह योग हमारे लिए उस मिशन का एक हिस्सा है. करीब 1,200 पुलिसकर्मी इस सत्र में भाग लेंगे.”
सोमवार की शुरुआत में स्ट्रेचिंग और सास लेने का अभ्यास कराया गया जिसमें लगभग 100 अधिकारियों को योगा कराने वाली योग शिक्षक शमा माखिंग ने कहा कि योग से शारीरिक और मानसिक शक्ति को बनाए रखने में मदद मिलेगी. माखिंग ने कहा, “वे ड्यूटी नहीं छोड़ सकते.”, इसलिए पुलिसकर्मियों का फिट होना जरूरी है. इसमें योग उनकी मदद कर सकता है.
यूनिट के उप प्रमुख मुहित कबीर सरनाबत ने कहा कि पुलिस अन्य प्रभागों में पुलिसकर्मियों के लिए योग और अन्य शारीरिक अभ्यास शुरू करने पर भी विचार कर रही थी.