भोपाल। भाजपा ने मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए तीन सूचियों में 79 नामों का ऐलान कर दिया है। इस सूची में शामिल एक नाम ऐसे नेता का है, जो उमा भारती के मुद्दों की हवा निकाल सकता है। आपको बता दें कि हाल ही में पारित हुए ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ में ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने के लिए उमा भारती अपनी ही पार्टी पर हमलावर हैं। आपको बता दें फायरब्रांड नेत्री भाजपा को मध्य प्रदेश में नुकसान न करवा दें इसका हल भाजपा ने प्रहलाद पटेल के रूप में निकाला है। इसे संयोग कहें या प्रयोग एक समय में प्रहलाद पटेल उमा भारती के कट्टर समर्थकों में शामिल थे और उनके साथ ही भाजपा को टाटा गुड बाय तक कह दिया था। लेकिन भाजपा ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को नरसिंहपुर जिले से टिकट दिया गया है। उमा भारती अन्य पिछड़ा वर्ग की नेत्री हैं तो प्रहलाद पटेल भी पिछड़ा वर्ग से आते हैं। उमा लोधी समुदाय से संबंधित हैं तो प्रहलाद पटेल भी लोधी समुदाय के ही हैं। उमा भारती का बुंदेलखंड में काफी प्रभाव है तो वहीं, प्रहलाद पटेल भी बुंदेलखंड के शक्तिशाली नेता हैं। वर्तमान में दमोह से सांसद भी हैं। प्रहलाद पटेल पांच बार के सांसद हैं। जिस भी सीट से पटेल को मैदान में उतारा गया, हर बार अपराजेय रहे। दो बार सिवनी, एक बार बालाघाट, दो बार दमोह से सांसद। विधायक का चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं। साल 2003 में केन्द्र की राजग सरकार में कोयला राज्य मंत्री थे। उसी साल उमा भारती प्रदेश में मुख्यमंत्री बनीं। 2005 में उमा भारती ने भाजपा छोड़कर ‘भारतीय जनशक्ति’ पार्टी बनाई तो प्रहलाद भी उमा के गुट में शामिल हो गए। तीन साल बाद ही मार्च 2009 में उन्होंने भाजपा में वापसी कर ली। 2014 में दमोह लोकसभा सीट से चुनाव लड़े। 2018 में भी जीते। अब नरसिंहपुर से मैदान में हैं। उमा भारती इन दिनों लगातार भाजपा के विरोध में बातें कर रही हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान पर सवाल उठा चुकी हैं। महिला आरक्षण संबंधी विधेयक पर पीएम मोदी को घेर रही हैं। मध्य प्रदेश के ओबीसी नेताओं को 23 तारीख को अपने बंगले में बुलाकर आगे की रणनीति को लेकर मंत्रणा कर चुकी हैं। चुनाव के दौरान कहीं वे ओबीसी का मुद्दा न उठा दें, इसलिए प्रहलाद को नरसिंहपुर दिया गया है। अब देखना यह है कि मामला कहां तक बनता है।
उमा भारती की काट प्रहलाद पटेल, क्या गुल खिलाएगा यह समीकरण
