नई दिल्ली : नस्लवाद (Racism) की निंदा करते हुए तीव्र विरोध के बीच यूनाइटेड किंगडम में प्रदर्शनकारियों ने रविवार को ब्रिस्टल (Bristol) के दक्षिण-पश्चिमी शहर में एडवर्ड कॉलस्टन के स्टैच्यू को गिरा दिया. कोलस्टन, 17 वीं शताब्दी के एक दास व्यापारी थे. उनकी ही 18 फुट (5.5 मीटर) की कांस्य प्रतिमा को गिरा गया. कोलस्टन रॉयल अफ्रीकन कंपनी का एक शीर्ष अधिकारी था, जिसने सैकड़ों हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को पश्चिम अफ्रीका से कैरिबियन और अमेरिका में गुलामी करने के लिए भेजा था.
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हालांकि, वह एक परोपकारी व्यक्ति भी थे. उन्होंने ब्रिस्टल में स्कूलों, अस्पतालों, चर्चों और अनाथालय की मदद करने के लिए भारी धनराशि दान की थी और उनकी विरासत को ब्रिस्टल के स्मारकों और सड़कों पर देखी जा सकती है.
इस गिरे स्टैच्यू का क्या होगा? इस पर ब्रिस्टल के मेयर मारविन रीस ने कहा कि बंदरगाह में फेंकी गई इस प्रतिमा को बाहर निकाला जाएगा और उसे संग्रहालय में रखा जाएगा.
रीस ने एक साक्षात्कार में बीबीसी रेडियो ब्रिस्टल को बताया, “यह अभी भी पानी के नीचे है, किसी समय इसे निकाल लिया जाएगा … हम प्रतिमा को जरूर निकाल लेंगे.”
उन्होंने कहा कि वह आपराधिक क्षति का समर्थन नहीं करते हैं. यह “प्रतिमा इतिहास का एक हिस्सा है, लोग इसे नहीं चाहते थे इसलिए वे एक साथ इकट्ठा हुए और उन्होंने ऐसा काम किया.
वहीं इस मामले में ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिमा को हटाना एक आपराधिक कृत्य था जिस पर मुकदमा चलना चाहिए.