भोपाल। दमोह जिले के दिग्गज नेता राघवेंद्र सिंह लोधी (raghavendra singh lodhi) 5 साल बाद वापस भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। सोमवार रात को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के क्षत्रिय संगठन महामंत्री अजय जमवाल, केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद के समक्ष राघवेंद्र सिंह लोधी ने घर वापसी किया। आपको बता दें कि वर्ष 2018 की विधानसभा चुनाव में दमोह जिले की जबेरा विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से राघवेंद्र सिंह लोधी नाराज हो गए थे और वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। भाजपा के धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने 48901वोट पाकर 29.05% प्रतिशत वोट हासिल किया था। कांग्रेस की प्रताप सिंह 45416 वोट पाकर 26.98 प्रतिशत मत हासिल किए थे। वहीं भाजपा से बगावत करके निर्दलीय लड़ने वाले राघवेंद्र सिंह लोधी ने 21751 मत हासिल करके 12.92% प्रतिशत मत पाए थे। उसके बाद 2019 में वह भाजपा के खिलाफ सक्रिय रहे। राघवेंद्र सिंह लोधी ने दमोह लोकसभा में मतदान के पहले कांग्रेस जॉइन कर ली थी। राघवेंद्र सिंह लोधी ने बार-बार आरोप लगाए थे कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पहलाद पटेल ने उनका टिकट कटवाया था। इसी बात से नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। अब जबकि 2023 के चुनाव प्रस्तावित है। ऐसे में भाजपा कहीं भी किसी प्रकार की रिस्क नहीं लेना चाहती, जहां भीतरघात के चलते भाजपा को हर का सामना करना पड़े। राघवेंद्र सिंह लोधी की भाजपा में घर वापसी, इसी बात की पुष्टि कर रही है। आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल को भी पार्टी नरसिंहपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा रही है। नरसिंहपुर से चुनाव लड़ने वाले पहले पटेल दमोह लोकसभा सीट से सांसद हैं और वह भी लोधी समुदाय से आते हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि दमोह और नरसिंहपुर जिले की लोधी वोट भाजपा को ही मिले। इसके चलते वह किसी भी तरह की फूट बर्दाश्त नहीं करना चाहती।
कांग्रेस को झटका, दमोह के दिग्गज नेता राघवेंद्र सिंह लोधी की घर वापसी
