गुरुवार को इस सीजन का अधिकतम तापमान 38 डिग्री दर्ज किया गया। हालांकि यह औसत तापमान से तीन डिग्री कम है। बार-बार में मौसम में बदलाव, पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश से इस बार गर्मी देर से दस्तक दे रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले हफ्तेभर में तापमान का पारा 40 डिग्री सेल्सियस के
पार होगा।
कोरोना वैश्विक महामारी का असर हमारे जिले पर भी है। यह पहली गर्मी होगी जब लोग चाहते हैं कि तापमान अधिक रहे तो वायरस का खतरा कम होगा। डॉक्टर एसी से बचने की सलाह दे रहे हैं, घर हवादार हो तो बेहतर होगा।
मार्च में हफ्तेभर भी तेज धूप नहीं पड़ी। राजस्थान, मध्य प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में लगातार बनते चक्रवात और विक्षोभ के कारण बदली और बारिश होती रही। अप्रैल के पहले हफ्ते में गर्मी पड़ने लगी है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अब मौसम शुष्क बना रहेगा। चक्रवात का असर नहीं होने से राज्य में बस्तर छोड़कर बाकी जिलों में तापमान 42 डिग्री तक पहुंच सकता है।
कोरोना के कारण सुहानी लग रही गर्मी
कोरोना यानि कोविडा-19 वायरस यूं तो 64 डिग्री तापमान पर आधा घंटे तक रहने पर ही नष्ट होता है। भ्रांति है कि गर्मी बढ़ेगी तो वायरस खत्म हो जाएगा। हालांकि वायरस के लिए कम तापमान या ठंडा मौसम अनुकूल है। ऐसे में अगर तापमान 42 से 45 के बीच होगा तो संक्रमण का खतरा कम होगा। इसलिए लोग चाहते हैं कि कोरोना के खत्म होने तक गर्मी पड़े। मेकाहारा के फिजिशियन डॉ पीके गुप्ता ने बताया कि अभी गर्मी के साथ कोरोना संक्रमण का समय है। घरों में क्रास वेंटिलेशन का होना जरूरी है। यदि आपको एसी चलाना जरूरी भी लग रहा हो तो कम से कम खिड़की या दरवाजा खोलकर रखें। बिजली की खपत भले ही थोड़ी अधिक होगी लेकिन क्रॉस वेंटिलेशन फायदेमंद है। अगर एसी वाला कमरा या हॉल पूरी तरह बंद रहेगा और वायरस किसी तरह से अंदर तक आया तो संक्रमण का खतरा ज्यादा होगा।
डॉक्टर की सलाह- कम तापमान कोविड-19 वायरस के लिए मददगार, इसलिए जरूरी ना हो तो बंद ही रखें एसी
ओडिशा के चक्रवात का असर बस्तर में
डॉ एचपी चंद्रा, मौसम विशेषज्ञ, रायपुर


