नई दिल्ली: चीन के हुबेई प्रांत में हो रही मूसलाधार बारिश से अब बाढ़ जैसी स्थिति बनती जा रही है. बाढ़ जैसे हालात पैदा होने के पीछे का कारण बारिश के अलावा एशिया की सबसे बड़ी नदी यांगजे (Yangtze) के ऊपर हुबेई में बना थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) से पानी छोड़ना भी है. इस वजह से चीन के कई प्रांतों में अलर्ट भी जारी कर दिया गया है.
इस बीच बांध के सुरक्षित होने का दावा करने वाली कम्युनिस्ट सरकार सवालों के घेरे में आ गई है. पर्यावरणविद आरोप लगाते रहे हैं कि ज्यादा पानी के कारण यह बांध अब टूटने की कगार पर है, इस वजह से यहां से पानी निकाला जा रहा है. इसके अलावा कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं का दावा है कि कोरोना वायरस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की जांच से बचने के लिए सरकार ने ऐसा जानबूझकर किया है.
ये भी पढ़ें: दावा: ट्रंप ने बीते 14 महीनों में हर दिन बोले 23 झूठ, जानें कौन-कौन से मुद्दे शामिल
प्रोजेक्ट को लेकर चीन सरकार का दावा
नदी के ऊपर बने 2,309 मीटर लंबा और 185 मीटर ऊंचे बांध में पांच तल का शिप लॉक और 34 हाइड्रोपावर टर्बो-जनरेटर हैं. चीन सरकार दावा करती रही है कि इस प्रोजेक्ट का मकसद सिर्फ पानी से बिजली बनाना था, नदी को कंट्रोल करना नहीं. लेकिन अब चीनी सरकार ने स्वीकार किया है कि लगातार हो रही बारिश के कारण बांध का पानी छोड़ा है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता जेनिफर जेंग का आरोप है कि बारिश से बांध में पानी बढ़ने की वजह से इसके गेट बंद हैं. उनका दावा है कि चीनी सरकार जानबूझकर हुबेई में पानी छोड़ रहा है ताकि वुहान में बाढ़ के हालात पैदा किए जा सकें. इसके पीछे का उद्देश्य उन्होंने कोरोना महामारी की जांच से बचना बताया है. जेंग का दावा है कि इसी जांच में बाधा या सबूतों को मिटाने के लिए चीन की एक साजिश है.