अगर आप बहुत ज्यादा इमोशनल व्यक्ति नहीं हैं, तब भी कभी ना कभी, किसी ना किसी बात पर आपको भी रोना आ ही जाता होगा। रोना बेहद नैचरल सी बात है और हम सब दुखी होने पर या किसी और को दुखी देखकर या फिर कई बार तो कोई इमोशनल फिल्म देखकर भी आंसू बहाने लगते हैं। अपने इमोशन्स को व्यक्त करने का एक नैचरल तरीका है रोना। लेकिन रोने के बाद सिर्फ आंख या नाक से ही पानी नहीं आता, बल्कि कई बार आंखों में भी सूजन आ जाती है, आंखें लाल हो जाती हैं और बहुत लोगों को तो रोने के बाद तेज सिरदर्द भी होने लगता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रोने और सिरदर्द के बीच क्या कनेक्शन है?
रोते वक्त स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल होता है रिलीज
वैज्ञानिकों की मानें तो जब कोई व्यक्ति रोता है तो उसके इमोशन्स बेहद स्ट्रॉन्ग होते हैं और रोने के साथ-साथ हम स्ट्रेस और ऐंग्जाइटी में भी आ जाते हैं। रोने के दौरान शरीर में जो इमोशन्स की बाढ़ सी आती है उसकी वजह से शरीर से स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल रिलीज होने लगता है। इस दौरान ब्रेन में न्यूरोट्रांसमिटर्स उत्तेजित होते हैं जिससे सिर में दर्द होने लगता है। हालांकि यहां ध्यान देने की बात ये है कि अगर आप खुशी में आंसू बहाएं तो आपको सिरदर्द नहीं होगा। लेकिन अगर आप नेगेटिव इमोशन्स की वजह से रोएं तभी आपको सिरदर्द महसूस होगा। जब प्याज काटते वक्त आपकी आंखों से आंसू आता है या फिर जब आप खुशी में आंसू बहाते हैं तब भी आपको सिरदर्द नहीं होता।
पढ़ें कई बीमारियां का इलाज हैं नीम की पत्तियां
10 कॉमन फूड्स जो आपको दे सकते हैं सिरदर्द
-
ऐसे फूड आइटम्स के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा जिन्हें खाने से पेट में दर्द होने लगता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ ऐसी चीजें या फूड आइटम्स भी हैं जिन्हें खाने से आपको सिरदर्द हो सकता है? स्ट्रेस, नींद की कमी, ऐसिडिटी जैसी कई वजहें हैं जिससे सिर में तेज दर्द होने लगता है। लेकिन कई बार कुछ चीजों को खाने से भी हेडएक हो सकता है। अगर आपको माइग्रेन की दिक्कत है तब तो आपको अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए। यहां जानें उन कॉमन फूड्स के बारे में जो दे सकते हैं सिरदर्द…
-
बहुत ज्यादा कैफीन का सेवन करने से या फिर अचानक से कैफीन का सेवन बिलकुल बंद कर देने से- इन दोनों ही परिस्थितियों में आपको सिर में तेज दर्द महसूस हो सकता है। कॉफी, चाय, चॉकलेट्स ये कुछ ऐसे फूड आइटम्स हैं जिनका अगर ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो इनमें मौजूद कैफीन की वजह से आपको सिरदर्द हो सकता है।
-
आर्टिफिशल स्वीटनर और चीनी के सब्स्टिट्यूट के तौर पर इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे- सुक्रालोज, सैकरीन, ऐसपर्टैम, एससल्फेम आदि का इस्तेमाल अक्सर खाने-पीने की चीजों को मीठा बनाने के लिए किया जाता है। डायबीटीज के मरीज भी अक्सर चीनी के विकल्प के तौर पर इन स्वीटनर्स का इस्तेमाल करते हैं लेकिन बहुत से लोगों को इनका सेवन करने से सिर में दर्द होने लगता है।
-
ऐल्कॉहॉल उन सबसे कॉमन फूड ऐंड ड्रिंक्स प्रॉडक्ट में शामिल है जिसका सेवन करने के बाद सिर में दर्द होने लगता है। ऐल्कॉहॉल ज्यादा पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है जो सिरदर्द होने का एक अहम कारण माना जा सकता है। रेड वाइन और बियर पीने वाले करीब 25 प्रतिशत लोगों को सिरदर्द होने की बात सामने आयी है।
-
चॉकलेट का नाम सुनकर भले ही आप हैरान हो गए हों लेकिन ये सच है कि चॉकलेट्स खाने से आपको सिर में दर्द हो सकता है। बहुत सी चॉकलेट्स में कोको की मात्रा बेहद कम होती है और साथ ही इनमें टाइरामीन और कैफीन जैसे केमिकल्स भी पाए जाते हैं जिस वजह से माइग्रेन से पीड़ित लोगों को सिर में दर्द हो सकता है।
-
फेटा चीज, ब्लू चीज और पार्मेजान चीज- ये कुछ ऐसे चीज हैं जो काफी पुराने चीज होते हैं। इस तरह के चीज में टाइरामीन नाम का केमिकल पाया जाता है और इस केमिकल का माइग्रेन और सिर दर्द से गहरा कनेक्शन है। टाइरामीन तब बनता है जब फूड आइटम के पुराने होने पर प्रोटीन का ब्रेकडाउन होने लगता है। चीज जितना ज्यादा पुराना होगा उसमें टाइरामीन की मात्रा उतनी ही ज्यादा होगी।
-
जी हां, आपकी फेवरिट आइसक्रीम भी आपको सिर दर्द दे सकती है। दरअसल, आइसक्रीम चूंकि चिल्ड होती है इसलिए उसका बेहद ठंडा तापमान, ब्रेन में होने वाले ब्लड फ्लो के साथ हस्तक्षेप कर सकता है। साथ ही कई बार ब्लड वेसल्स में भी सूजन आ जाती है जिससे आपको सिर में दर्द होने लगता है।
-
चीज की ही तरह आपके फेवरिट टाइम पास स्नैक मूंगफली में भी टाइरामीन नाम का केमिकल पाया जाता है जो आपको सिर दर्द दे सकता है। ऐसे में अगर आप बहुत सारी मूंगफली एक साथ खा लें या फिर बहुत सारा पीनट बटर का सेवन कर लें तो आपको सिर में दर्द हो सकता है।
-
फर्मेन्टेड फूड यानी वैसे फूड आइटम्स जिसमें खमीर उठता है, अचार, किमची सलाद, हैलपीनोज आदि में भी पुराने चीज की ही तरह टाइरामीन की मात्रा अधिक होती है और अगर इनका ज्यादा सेव किया जाए तो सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
-
ऐसे फूड आइटम्स जिसमें मोनोसोडियम ग्लूटामेट (msg) डला हो उन्हें खाना वैसे तो सेफ माना जाता है लेकिन बहुत सी रिसर्च में एमएसजी और माइग्रेन के बीच लिंक पाया गया है।
-
नमक वाले चिप्स या फिर प्रोसेस्ड फूड जिसमें नमक की मात्रा ज्यादा होती है उनका सेवन करने से शरीर में सोडियम का लेवल बढ़ जाता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और फिर सिरदर्द और माइग्रेन हो सकता है।
रोने के बाद जो सिरदर्द होता है उसे हम 3 कैटिगरी में बांट सकते हैं-
1. टेंशन की वजह से सिरदर्द
यह सबसे कॉमन सिरदर्द है। इसमें रोने के बाद सिर में मौजूद मांसपेशियां टाइट हो जाती हैं और उनमें खिंचाव आ जाता है। इस वजह से सिरदर्द के साथ-साथ गर्दन और कंधे में भी दर्द महसूस होने लगता है।
2. माइग्रेन वाला सिरदर्द
माइग्रेन के दौरान होने वाला सिरदर्द सामान्य सिरदर्द से बिलकुल अलग होता है क्योंकि इसमें व्यक्ति को पूरे सिर में नहीं बल्कि सिर के किसी एक साइड में ही भयंकर दर्द होने लगता है। साथ ही साथ उल्टी आना, जी मिचलाना और लाइट को देखकर बहुत ज्यादा सेंसिटिविटी फील होना जैसी दिक्कतें भी होने लगती हैं। आपको रोने के बाद माइग्रेन वाला सिरदर्द तभी होगा जब आपको माइग्रेन की दिक्कत पहले से हो।
3. साइनस वाला सिरदर्द
हमारी आंखें, नाक, कान, गला सबकुछ अंदर से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। ऐसे में अगर आपको साइनस की दिक्कत है तो लंबे समय तक रोने के बाद आपके साइनस के पैसेज में भी असर पड़ सकता है। जब आंसू और म्यूकस बनने लगता है जो आपके सिर खासकर माथे पर प्रेशर बढ़ने लगता है जिससे आपको सिरदर्द होता है।
सिरदर्द का कारण है ऊंची टाइट पोनीटेल
-
जब भी कोई ऐसा काम करना हो जिसमें बहुत ज्यादा मेहनत हो, स्ट्रेस हो, घर की साफ-सफाई हो या वर्कआउट करना हो…ज्यादातर महिलाएं क्लासिक हाई पोनीटेल या हाई जूड़ा बनाना पसंद करती हैं और इसी में सबसे ज्यादा कंफर्टेबल भी फील करती हैं। बालों को ऊंचा करके बांध लेने से, बाल बार-बार चेहरे पर नहीं आते और आप अपने काम में पूरी तरह से कॉन्सन्ट्रेट कर पाती हैं। लेकिन आपकी यही फेवरिट हेयरस्टाइल आपको नियमित रूप से होने वाले सिरदर्द का कारण भी है। कैसे, यहां जानें…
-
दरअसल, जब हम बालों में टाइट इलास्टिक वाला रबड़ बैंड लगाकर बालों को ऊंचा करके पोनिटेल या जूड़े के तौर पर बांध लेते हैं तो इसी से हमें सिरदर्द होने लगते है और काम में फोकस करना और भी मुश्किल हो जाता है। आपकी हेयरस्टाइल और हेडएक के बीच कितना संबंध है यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है आपने बाल को कितना ज्यादा टाइट बांधा है।
-
इलास्टिक वाले रबड़ बैंड के जरिए जब आप बाल को खींचकर बांधती हैं तो स्कैल्प पर प्रेशर पड़ता है, हेयर फॉलिकल्स में खिंचाव आता है और इन सारी चीजों की वजह से आपको सिरदर्द होने लगता है। हमारे हेयर फॉलिकल्स में ढेर सारे नर्व्स होते हैं और जब इसमें खिंचाव होता है तो हमें दर्द महसूस होने लगता है।
-
अगर आप माइग्रेन के मरीज हैं तो इस तरह की हेयरस्टाइल से आपको सिरदर्द होने का खतरा काफी बढ़ जाता है और इसकी वजह है स्कैल्प और फेस के नर्व्स में होने वाली हाइपरसेंसिटिविटी। कई बार बहुत से लोगों को कंघी करने, बाल बांधने, शेव करने, चश्मा पहनने या ईयररिंग्स पहनने की वजह से भी सिरदर्द होने लगता है।
-
ऐसी हेयरस्टाइल जो आपके स्कैल्प पर हद से ज्यादा प्रेशर डालती हो उसे हर हाल में अवॉइड करें। खासकर टाइट पोनिटेल या जूड़े से तो बिलकुल परहेज करें। आप चाहें तो गर्दन के पास बनने वाली लूज पोनिटेल या जूड़ा बना सकती हैं। अगर आपको पहले से ही सिरदर्द हो रहा हो तो बालों को बांधने की बजाए खुला रखना ही बेहतर होगा।
सिरदर्द को दूर करने के उपाय
– कुछ देर के लिए किसी शांत और अंधेरे कमरे में आराम करें।
– आंखों पर गर्म या ठंडा पैक रखें
– अदरक वाली चाय पिएं
– बहुत सारा पानी पिएं
– सिरदर्द की कोई कॉमन दवा खा लें
– मैग्नीशियम से भरपूर चीजें खाएं