भोपाल, ब्यूरो। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुखिया होने के साथ-साथ ही एक संवेदनशील व्यक्तित्व भी हैं।
वे, प्रदेश में कई जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन तो कर ही रहे हैं, लेकिन जब यदा-कदा प्राकृतिक रूप से कोई हादसा हो जाता है, तो सीएम शिवराज सीधे जनता के बीच घटनास्थल पर पहुंचकर दर्द बाटते हैं। जब जनता पर संकट आता है तो शिवराज खुद चैन से नहीं सो पाते। रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे के बाद भी CM शिवराज सिंह चौहान का यही रूप दिखाई दिया। हादसे के बाद से ही उनकी रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर है। यहां तक की रातभर जागकर उन्होंने बचाव कार्यों का अपडेट लिया। इसके बाद वे आज सुबह मौके पर पहुंच गए और अस्पताल में घायलों का हाल-चाल जाना। हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी जब-जब प्रदेश की जनता पर विपदा आई है। सीएम शिवराज अपने सारे कार्यक्रम निरस्त कर लोगों को ढांढस बंधाने मौके पर पहुंच जाते हैं। आईए आज आपको कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में बताते हैं, जहां घटना होते ही शिवराज सिंह चौहान स्वयं पहुंच गए।
कुछ मुख्य मामले
(1) 24 फरवरी को सीधी बस हादसे के बाद रात में ही घटना स्थल पर पहुंचे।
(2) जून 2022 में उत्तराखंड में हुए बस हादसे के बाद रात में ही उत्तराखंड पहुंचे।
(3) अगस्त 2021 में ग्वालियर-चंबल संभाग में आई बाढ़ के बाद रातभर भोपाल के सिचुएशन रूम में डटे रहे।
(4) मई 2016 में उज्जैन सिंहस्थ में आंधी-तूफान बाद मौके पर पहुंचे, रेस्क्यू पर रखी नजर।
(5) सितंबर 2015 को झाबुआ जिले के पेटलावद में हुए ब्लास्ट के बाद घटनास्थल पहुंचे शिवराज।
यह तो चंद घटनाएं ही हैं। ऐसे कई मौकों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जानकारी मिलते ही तत्काल घटनास्थल पर पहुंच जाते हैं। यह कोई सरकार नहीं, बल्कि एक संवेदनशील व्यक्तित्व होने के कारण ही मुख्यमंत्री भूमिका निभा पाते हैं।