Friday, July 4, 2025
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Supreme court holds ECs decision to remove kamal naths name from star campaigner list – स्‍टार प्रचारक सूची से कमलनाथ का नाम हटाने के EC के फैसले पर SC ने लगाई रोक, कहा-यह आपके अधिकार क्षेत्र में नहीं

स्‍टार प्रचारक सूची से कमलनाथ का नाम हटाने के EC के फैसले पर SC ने लगाई रोक, कहा-यह आपके अधिकार क्षेत्र में नहीं

कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दी है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • कहा, हम इस मामले को व्‍यापक रूप से देखेंगे
  • चुनाव आयोग को नोटिस जारी करके जवाब मांगा
  • आयोग के आदेश को कमलनाथ ने दी है SC में चुनौती

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में लिस्ट से कमलनाथ (Kamal Nath) का नाम हटाने के चुनाव आयोग (Election Commission) के फैसले पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोबडे ने कहा कि किसी का नाम स्टार प्रचारक की सूची से हटाना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. चुनाव आयोग ने कहा कि प्रचार खत्म हो चुका हैऔर कमलनाथ की याचिका निष्प्रभावी हो चुकी है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा किये आपकी शक्ति नहीं है.हम इस मामले को व्यापक तरीके से देखेंगे. शीर्ष अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. CJI ने चुनाव आयोग से कहा कि स्टार प्रचारक सूची से उम्मीदवार को हटाने के लिए आपको किसने शक्ति दी है? आप चुनाव आयोग हैं या पार्टी के नेता है? सुप्रीम कोर्ट ये परीक्षण करेगा कि क्या चुनाव आयोग किसी स्टार प्रचारक का नाम हटा सकता है या नहीं.

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मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ की याचिका पर CJI एस ए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई कर रही है.कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दी है. आयोग के कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में लिस्ट से नाम हटाने के आदेश को कमलनाथ ने चुनौती दी है. उन्‍होंने अपनी याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने उनके वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है. उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि किसी व्यक्ति को स्टार प्रचारक के रूप में नामित करना पार्टी का अधिकार है और चुनाव आयोग पार्टी के फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता. चुनाव आयोग का निर्णय अभिव्यक्ति और आवागमन के बुनियादी अधिकार का उल्लंघन है. चुनाव आयोग नोटिस देने के बाद फैसला कर सकता है, लेकिन यहां कमलनाथ को कोई नोटिस नहीं दिया गया. 

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गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ उनके विवादित बयानों को लेकर कड़ी कार्रवाई की थी. आयोग ने उन्हें कांग्रेस की स्टार प्रचारक  की सूची से हटा दिया है. कमलनाथ पर चुनाव प्रचार के दौरान कई आपत्तिजनक बयान देने के आरोप हैं. कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश सरकार की मंत्री इमरती देवी के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.  उन्होंने इमरती देवी को ‘आइटम’ कहा था और आलोचना के बाद माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था. विश्लेषकों का कहना है कि स्टार प्रचारकों का खर्च पार्टी के खर्च में जोड़ा जाता है, न कि उस सीट से लड़ रहे पार्टी के प्रत्याशी के खर्च में. भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पिछले कुछ दिनों में एक-दूसरे को गद्दार और अन्य आपत्तिजनक शब्द कहे. कांग्रेस का कहना है कि “गद्दारी” कमलनाथ सरकार के पतन का कारण बनी. बीजेपी का कहना है कि गद्दार वे नहीं बल्कि कांग्रेस है, जिसने अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं करके मध्यप्रदेश की जनता को धोखा दिया है.कमलनाथ ने शनिवार को निर्वाचन आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्टार प्रचारक कोई पोस्ट या पोजीशन नहीं है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर इसी हफ्ते चुनाव होने हैं. पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, “स्टार प्रचारक कौन सा पद या पोजीशन है? चुनाव आयोग ने ना तो मुझे कोई नोटिस दिया था, ना ही मुझसे इस बारे में कुछ पूछा था. प्रचार अभियान के आखिरी दो दिन में चुनाव आयोग ने ऐसा क्यों किया, ये तो केवल उन्हीं को मालूम है.” 

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