20 दिसंबर, 2020 को राष्ट्रपति बिद्या देव भंडारी ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर संसद को भंग कर दिया था. ओली ने कहा था कि उन्हें संसद भंग करने के लिए मजबूर किया गया था क्योंकि उन्हें अपनी पार्टी के भीतर नेता ठीक से काम करने नहीं दे रहे थे.

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