इंदौर। इंदौर के मशहूर सराफा बाजार में लगने वाली चौपाटी को लेकर विवाद अब और बढ़ गया है। इसी मामले को सुलझाने के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सराफा व्यापारी एसोसिएशन और चौपाटी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस बैठक में सराफा एसोसिएशन ने पूरी चौपाटी को ही दूसरी जगह ले जाने की मांग रखी, जबकि महापौर ने स्पष्ट किया कि पारंपरिक चौपाटी को बंद नहीं किया जाएगा।
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल, यह विवाद सराफा में लगने वाली अस्थायी दुकानों को लेकर है। सराफा व्यापारी एसोसिएशन का कहना है कि इन दुकानों से उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है और बाज़ार में अराजकता फैल रही है। वे चाहते हैं कि इन सभी अस्थायी दुकानों को हटा दिया जाए।
बैठक में क्या हुआ?
बैठक के दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने साफ कर दिया कि जो दुकानें सालों से पारंपरिक रूप से सराफा में लग रही हैं, उन्हें हटाया नहीं जाएगा, क्योंकि चौपाटी इंदौर की पहचान है। महापौर के इस रुख से सराफा व्यापारी एसोसिएशन नाराज़ है। एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम सोनी ने इसे पक्षपातपूर्ण बताया और कहा कि वे इस मुद्दे को अब उच्च प्रशासनिक स्तर पर उठाएंगे, ज़रूरत पड़ने पर कोर्ट भी जाएँगे।
दूसरी ओर, सराफा चौपाटी एसोसिएशन के अध्यक्ष राम गुप्ता ने कहा कि वे व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीमित संख्या में ही स्टॉल लगाना चाहते हैं, ताकि किसी को असुविधा न हो।अब यह मामला नगर निगम के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, क्योंकि एक तरफ शहर की पहचान का सवाल है और दूसरी तरफ स्थानीय व्यापारियों की मुश्किलें भी वास्तविक हैं।