मुख्य बिंदु:
संजय कपूर के निधन से मधुमक्खी के डंक और हार्ट अटैक का संबंध चर्चा में।
भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों में गिरावट जारी, केरल अभी भी शीर्ष पर।
AI तकनीक ने 15 विफल प्रयासों के बाद IVF में दी बड़ी सफलता।
विदेशी फल और घरेलू नुस्खे सेहत के लिए फायदेमंद: हड्डियों की मजबूती, लिवर डिटॉक्स और यूरिनरी इनकंटीनेंस के उपाय।
दही के सेवन से जुड़ी महत्वपूर्ण सावधानियाँ।
विस्तार से पढ़ें:
1. मधुमक्खी के डंक से हार्ट अटैक: संजय कपूर की मृत्यु के बाद बढ़ रहे सवालफिल्म जगत से जुड़ी एक दुखद खबर में, अभिनेता संजय कपूर का मधुमक्खी के डंक से निधन हो गया। इस घटना ने एक बार फिर इस दुर्लभ लेकिन जानलेवा स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ व्यक्तियों में मधुमक्खी का डंक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया (एनाफिलेक्सिस) को ट्रिगर कर सकता है, जिससे रक्तचाप में तेजी से गिरावट, सांस लेने में तकलीफ और दुर्लभ मामलों में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। विशेषज्ञों ने ऐसे मामलों में तुरंत चिकित्सा सहायता लेने और जिन लोगों को एलर्जी का इतिहास है, उन्हें एपिनेफ्रिन ऑटो-इंजेक्टर (एपीपेन) साथ रखने की सलाह दी है।
2. बढ़ते कोविड-19 मामले: भारत में सक्रिय संक्रमितों की संख्या में गिरावटताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड-19 के दैनिक मामलों में भले ही कुछ वृद्धि देखने को मिल रही है, लेकिन सक्रिय संक्रमितों की कुल संख्या में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। वर्तमान में, देशभर में सक्रिय कोविड-19 मरीजों की संख्या 7,131 है। राज्यों के आंकड़ों में, केरल अभी भी सक्रिय मामलों के मामले में सबसे आगे बना हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों से सतर्क रहने, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग करने और नियमित रूप से हाथ धोने जैसी सावधानियों का पालन जारी रखने का आग्रह किया है।
3. AI की मदद से IVF में सफलता: 15 बार विफल होने के बाद महिला हुई गर्भवतीचिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल हुई है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित STAR AI (Self-training Artificial Intelligence) तकनीक ने बांझपन से जूझ रहे दंपतियों के लिए आशा की नई किरण जगाई है। एक महिला, जिसने IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के 15 असफल प्रयास किए थे, AI की मदद से अंततः गर्भवती होने में सफल रही। यह तकनीक भ्रूण चयन और उपचार प्रोटोकॉल को अनुकूलित करने में मदद करती है, जिससे IVF की सफलता दर में काफी सुधार हो सकता है।
4. शरीर को फौलादी बनाएगा ये विदेशी फल: हड्डियों और 5 समस्याओं से मिलेगी राहतस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक ऐसे खास विदेशी फल पर प्रकाश डाला है, जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाने में सहायक हो सकता है। उनका दावा है कि इस फल के नियमित सेवन से हड्डियां फौलादी बन सकती हैं और यह कम से कम पांच अन्य सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी राहत प्रदान कर सकता है। हालांकि फल का विशिष्ट नाम नहीं बताया गया है, विशेषज्ञों ने इसके पोषक तत्वों और स्वास्थ्य लाभों पर जोर दिया है, जो इसे समग्र स्वास्थ्य के लिए एक मूल्यवान जोड़ बनाते हैं।
5. पेशाब लीक होने की समस्या: यूरिनरी इनकंटीनेंस के कारण और बचाव के उपायबहुत से लोग, खासकर महिलाएं, छींकते, हंसते या व्यायाम करते समय अनजाने में पेशाब लीक होने (यूरिनरी इनकंटीनेंस) की समस्या से जूझते हैं। विशेषज्ञों ने इस समस्या के विभिन्न कारणों पर विस्तार से चर्चा की है, जिनमें कमजोर पेल्विक फ्लोर मांसपेशियां, गर्भावस्था, प्रसव, मोटापा और कुछ चिकित्सीय स्थितियां शामिल हैं। उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए कई बचाव के उपाय और उपचार बताए हैं, जैसे केगेल एक्सरसाइज, जीवनशैली में बदलाव और कुछ मामलों में चिकित्सा हस्तक्षेप।
6. किशमिश का पानी लिवर के लिए अमृत: खाली पेट पीने से 4 बीमारियों का इलाजपारंपरिक स्वास्थ्य पद्धतियों और आधुनिक पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, किशमिश का पानी लिवर के स्वास्थ्य के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से लिवर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है, जिससे यह अपने कार्यों को अधिक कुशलता से कर पाता है। दावा किया गया है कि नियमित रूप से किशमिश का पानी पीने से चार सामान्य बीमारियों से राहत मिल सकती है, हालांकि विशिष्ट बीमारियों का उल्लेख नहीं किया गया है। यह पानी एंटीऑक्सिडेंट और आवश्यक खनिजों से भरपूर होता है, जो शरीर को शुद्ध करने में सहायक हैं।
7. दही का सेवन: इन 5 स्थितियों में न करें, वरना बढ़ सकती हैं परेशानियांदही को आमतौर पर आंत के स्वास्थ्य और समग्र पोषण के qलिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, विशेषज्ञों ने कुछ खास परिस्थितियों में दही का सेवन न करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि इन 5 स्थितियों में दही का सेवन करने से मौजूदा स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं या नई परेशानियां पैदा हो सकती हैं। यह सलाह उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिन्हें कुछ प्रकार की एलर्जी, पाचन संबंधी विकार या विशिष्ट चिकित्सीय स्थितियां हैं। इन स्थितियों में दही के सेवन से बचने के लिए उचित मार्गदर्शन के लिए किसी स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लेना उचित होगा।