मंत्रिमंडल की बैठक के प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को आचार्य श्री विद्यासागर जी के संलेखना समाधि का उल्लेख करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल आचार्य श्री के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए शोक व्यक्त करता है। आचार्य श्री के अवसान पर मध्य प्रदेश में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया। आचार्य श्री के अंतिम संस्कार के लिए राज्य शासन के प्रतिनिधि मंत्री श्री चैतन्य काश्यप अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
मंत्री परिषद के सदस्यों ने 2 मिनट का मौन धारण कर आचार्य श्री के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आचार्य श्री का चिंतन राष्ट्र कल्याण के लिए था। वह ऐसी विभूति थे जिन्होंने अनेक आदर्श स्थापित किये। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने भी दिल्ली अधिवेशन में व्यस्त रहते हुए आचार्य श्री के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
*अयोध्या में श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक कार्य के लिए प्रधानमंत्री को बधाई*
मंत्री परिषद की बैठक शुरू होने के पहले विशेष चर्चा में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंत्री परिषद की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के महत्वपूर्ण कार्य के लिए आभार व्यक्त किया।मुख्यमंत्री ने कहा की
“गौशालाओं के लिए राशि और मानदेय वृद्धि का निर्णय शीघ्र”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रिपरिषद की बैठक के पहले कहा कि अक्सर वर्षा काल में प्रमुख सड़कों और राजमार्गों पर गौमाता के बैठे रहने की घटनाएं सामने आती हैं। गौमाता दुर्घटनाओं का शिकार भी हो जाती हैं। ऐसी व्यवस्था आवश्यक है कि गौमाता सड़कों पर न दिखें, इसके लिए गौशालाओं के लिए राशि और मानदेय वृद्धि का निर्णय लिया जाएगा। श्रेष्ठ प्रबंधन से गौमाता के सम्मान में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
“मंत्रिपरिषद ने प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी का जताया आभार”
मंत्रिपरिषद की बैठक के पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के लिए प्राण प्रतिष्ठा का कार्य हुआ है, जिसके लिए प्रधानमंत्री जी विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं। प्रधानमंत्री जी के साथ ही श्री रामचंद्र भूमि न्यास का महती कार्य है। इस नाते न्यास भी बधाई का पात्र है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि हमारी न्याय व्यवस्था का सभी सम्मान करते हैं। प्राण प्रतिष्ठा का यह कार्य प्रबल इच्छा शक्ति का उदाहरण भी है, जो हमारे सामने आया है।