वाशिंगटन/ब्रसेल्स – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो अपने कार्यकाल में भी भारत पर भारी टैरिफ लगाने के लिए जाने जाते थे, अब यूरोपीय संघ (EU) पर भी भारत और चीन के खिलाफ 100% तक टैरिफ लगाने का दबाव बना रहे हैं. समाचार एजेंसी एएफपी ने एक अमेरिकी अधिकारी और एक यूरोपीय संघ के राजनयिक के हवाले से बताया कि मंगलवार को ट्रंप ने यूरोपीय संघ के अधिकारियों से यह मांग की है. इस कदम को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने की एक व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है.
नाम न छापने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि ट्रंप का लक्ष्य यूरोपीय संघ को भारत और चीन के खिलाफ व्यापारिक प्रतिबंध लगाने के लिए प्रेरित करना है. इसका मुख्य कारण इन देशों द्वारा रूस से तेल खरीदना है. अधिकारी के अनुसार, अमेरिका भारत समेत उन देशों पर टैरिफ बढ़ाने पर विचार कर रहा है जो रूसी तेल खरीद रहे हैं, लेकिन यह तभी होगा जब यूरोपीय संघ भी इसी तरह के कठोर कदम उठाए.
ट्रंप का यह कदम यूक्रेन युद्ध के बाद रूस की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की पश्चिमी देशों की रणनीति का हिस्सा है. अमेरिका और उसके सहयोगी चाहते हैं कि रूस को तेल और गैस की बिक्री से होने वाली आय में भारी कमी आए, ताकि उसके युद्ध प्रयासों को आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके.
इस बीच, भारत और चीन ने अपने-अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए रूस से रियायती दरों पर तेल खरीदना जारी रखा है. ट्रंप का यह नया दबाव भारत के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकता है, क्योंकि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर है और साथ ही अमेरिका तथा यूरोपीय संघ के साथ भी अपने संबंधों को संतुलित बनाए रखना चाहता है. इस मांग पर यूरोपीय संघ का क्या रुख होगा, यह देखना दिलचस्प है, क्योंकि यूरोपीय संघ के कई सदस्य देश भी भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं.


