लंदन: दुनिया में ब्रिटेन (UK) के गौरवशाली इतिहास का जिक्र जब भी हुआ, ठीक उसी वक्त उपनिवेशवाद और नस्लभेद को लेकर अंग्रेज हुकूमत पर सवाल भी उठे. इसी कड़ी में कई ब्रिटिश संस्थाएं अपने पूर्ववर्ती अतीत का मूल्यांकन करा रहीं है, ताकि किसी तरह देश की साख पर लगे इन दागों को धोया जा सके. हालांकि ये इतना आसान नहीं नस्लभेद और रंगभेद को लेकर यहां हमेशा सवाल उठे हैं, जिसकी तुलना अभी हाल ही में अमेरिका (America) में हुई अश्वेत युवक जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मौत से की जा सकती है.
यूके (UK) में अब भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मान में एक सिक्का जारी करने की तैयारी है, ताकि अश्वेत, एशियाई और अन्य गैर इसाई लोगों के योगदान को पहचान और सम्मान दिया जा सके .नस्लभेद और उपनिवेशवाद की वजह से ब्रितानिया हुकूमत हमेशा सवालों के घेरे में रही है, माना जा रहा है कि ऐसा करके ब्रिटेन की सरकार अतीत की बुरी यादों से निकलना चाहती है. अमेरिका में कुछ दिन पहले पुलिस की बरबर्ता से हुई अश्वेत फ्लाएड की मौत के बाद दुनिया भर में नस्लवाद का मुद्दा और तेजी से गूंजा. दुनिया भर में हुए प्रदर्शनों में फ्लॉयड को वैश्विक रंगभेद, उपनिवेशवाद और पुलिस की बरबर्ता से मुकाबले का प्रतीक माना गया.
इस दौरान कई संस्थानों ने अश्वेत , एशियाई और गैर इसाई समुदाय के लोगों की मदद की आवाज भी उठी थी.
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बीते शनिवार को यूके ट्रेजरी डिपार्टमेंट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वित्त मंत्री रिशी सुनक ने रॉयल मिंट एडवाइजरी कमेटी (RMAC) को इन समुदायों का मान-सम्मान सुनिश्चित कराने को कहा है.
RMAC विशेषज्ञों की वो स्वतंत्र संस्था है, जो सिक्के की बनावट और डिजाइन से लेकर हर महत्वपूर्ण फैसले में ब्रिटेन के वित्त मंत्री को सहयोग देती है. सुनक ने कहा कि BAME समुदाय के लोगों का ब्रिटेन में बड़ा अहम योगदान है और इन समुदायों को सम्मान देने के लिए ये फैसला किया गया.
अहिंसा की वकालत करने वाले महात्मा गांधी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई. उनके जन्म दिन 2 अक्टूबर के दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश रहता है और इसी दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है.
भारत के राष्ट्रपति के नाम से मशहूर महात्मा गांधी की हत्या भारत को आजादी मिलने के चंद महीनों बाद 30 जनवरी, 1948 को हुई थी.