अमेरिका की एक संघीय अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए गए टैरिफ को गैरकानूनी करार दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ट्रंप प्रशासन ने व्यापार घाटे (ट्रेड डेफिसिट) और सीमा सुरक्षा (बॉर्डर इश्यू) जैसे मुद्दों को ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ बताकर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया था।
यह फैसला उन कंपनियों के लिए बड़ी जीत है, जिन्होंने इन टैरिफ के खिलाफ कानूनी चुनौती दी थी। अदालत ने तर्क दिया कि राष्ट्रपति के पास राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर टैरिफ लगाने की शक्ति है, लेकिन यह अधिकार व्यापार घाटे को कम करने या घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए नहीं है।
भारत पर संभावित प्रभाव
इस फैसले का भारत पर भी सकारात्मक असर पड़ने की संभावना है। ट्रंप प्रशासन के टैरिफ के कारण भारतीय स्टील और एल्युमिनियम निर्यातकों को अमेरिका में उच्च शुल्क देना पड़ रहा था, जिससे उनके मुनाफे पर असर पड़ रहा था। अदालत के इस फैसले के बाद, इन टैरिफ के हटने से भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगी और वे अमेरिकी बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी हो सकेंगे।हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह फैसला केवल कुछ विशिष्ट टैरिफ पर लागू होता है और अमेरिका की व्यापार नीति में पूरी तरह से बदलाव नहीं लाएगा।


