नई दिल्ली: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने चीनी अधिकारियों द्वारा उइगर मुस्लिमों (Uighur Muslims) पर अनिवार्य तौर पर परिवार नियोजन कराने के कदम की निंदा की. उन्होंने सोमवार को कहा कि शिनजियांग क्षेत्र में अल्पसंख्यकों पर निरंतर दमन यह दर्शाता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) में मानव जीवन और बुनियादी मानवीय गरिमा के लिए कोई सम्मान नहीं है.
पोम्पियो ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका उइगर और अन्य अल्पसंख्यक महिलाओं में जबरन जनसंख्या नियंत्रण कराने के कदम की निंदा करता है और सीसीपी से कहता है कि वह दमन के अपने इस अभियान को बंद कर दे.’
The United States condemns the use of forced population controls against Uyghur and other minority women and calls on the CCP to cease its campaign of repression. History will judge how we act today.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) June 29, 2020
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इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने चीन के दमनकारी अभियान को लेकर दोहराया था कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) में मानव जीवन और बुनियादी मानवीय गरिमा के लिए कोई सम्मान नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘जर्मन शोधकर्ता एड्रियन ज़ेनज़ के चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन सीसीपी की दशकों से चल रही प्रथाओं के बारे में बताते हैं, जो कि मानव जीवन की पवित्रता और बुनियादी मानवीय गरिमा की उपेक्षा करतेे हैंं. हम सीसीपी से कहते हैं कि इन भयावह प्रथाओं को तुरंत समाप्त करे. हम सभी देशों से भी कहेंगे कि वे इन अमानवीय दुर्व्यवहारों को समाप्त करने की मांग करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका के अभियान में शामिल हों.’
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अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, शिनजियांग के शिविरों में दस लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों को कैंप में नजरबंद किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन शिविरों में उनके साथ ‘शारीरिक और यौन शोषण, जबरन श्रम, जैसे अत्याचार, क्रूर और अमानवीय व्यवहार होते हैं.’
हालांकि बीजिंग ने इस बात पर जोर दिया है कि ये शिविर धार्मिक अतिवाद और आतंकवाद को रोकने के लिए आवश्यक हैं. लीक हुए सरकारी दस्तावेजों से पता चला है कि ‘बुरका पहनने’ या ‘लंबी दाढ़ी बढ़ाने’ तक पर लोगों को इन शिविरों में भेजा जाता है.


