US Magazine Time Cover story on Farmers Protest, given space to Indian lady Protesting Farmers at Tikri Border – हमें ना डरा सकते, ना ही खरीद सकते, TIME ने आंदोलनकारी महिला किसानों को कवर पेज पर दी जगह


दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रही महिलाओं का एक समूह. किरनजीत कौर सबसे बाएं. (फोटो सोर्स- https://twitter.com/TIME)
दुनियाभर में मशहूर अमेरिकी न्यूज मैग्जीन टाइम (TIME) ने मार्च के अंतरराष्ट्रीय अंक के कवर पेज पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) में शामिल महिलाओं को जगह दी है. पत्रिका ने ‘ऑन द फ्रंटलाइन ऑफ इंडियाज फार्मर प्रोटेस्ट’ शीर्षक से कवर स्टोरी छापी है. इसमें दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रही महिलाओं के एक समूह को चित्रित किया गया है. पत्रिका में बताया गया है कि महिला किसानों ने कैसे केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
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टाइम पत्रिका ने अंदर खबर की शीर्षक दी है “हमें डराया नहीं जा सकता और ना ही खरीदा जा सकता.. भारत के किसानों के विरोध का नेतृत्व करने वाली महिलाएं..” पत्रिका ने कवर पेज पर जिन किसान महिलाओं की तस्वीर छापी है उनमें उनके साथ छोटे बच्चों को भी दिखाया गया है, जो उनके साथ आंदोलन स्थल पर मौजूद थे. इसमें एक महिला अपने दुधमुंहे बच्चे को भी कंधे से लगाए दिख रही हैं. तस्वीर में एक बच्ची भी उन महिलाओं के साथ खड़ी होकर नारे लगाती दिख रही है.
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टाइम मैगजीन ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा है, ”टाइम का नया इंटरनेशनल कवर- मैं डराई नहीं जा सकती और न ही खरीदी जा सकती.” मैगजीन ने कवर पेज पर तस्वीर में जिन महिलाओं को जगह दी है, उसमें 41 वर्षीय अमनदीप कौर, किरनजीत कौर, गुरमर कौर, जसवंत कौर, सुरजीत कौर, दिलबीर कौर, सरजीत कौर, बिन्दु अम्मां, उर्मिला देवी, साहुमति पाधा, हीराथ झाड़े, सुदेश गोयत शामिल हैं.
TIME’s new international cover: “I cannot be intimidated. I cannot be bought.” The women leading India’s farmers’ protests https://t.co/o0IWwWkXHRpic.twitter.com/3TbTvnwiOV
— TIME (@TIME) March 5, 2021
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किरनजीत कौर जो तस्वीरों में सबसे बाएं खड़ी हैं, पंजाब के तलवंडी से दिल्ली की टिकरी बॉर्डर पर किसानों के विरोध-प्रदर्शन स्थल पर आई थीं. उनके साथ उनके बच्चे और उनकी सास भी 20 महिलाओं की टीम में शामिल थीं. टाइम से बातचीत में किरनजीत कौर ने कहा, “सभी महिलाओं के लिए यहाँ आना और इस आंदोलन में अपनी उपस्थिति को चिह्नित करना महत्वपूर्ण है. मेरी दो बेटियां हैं, और मैं चाहती हूं कि वे उन मजबूत महिलाओं के बीच पले-बढ़ें जिन्हें वे यहां देखती हैं. ”