Take It Down Act: अमेरिका में पॉर्न कंटेंट को लेकर एक बेहद सख्त कानून बना है. खास बात यह है कि संसद में न होने के बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ने भी इस पर हस्ताक्षर किए हैं. कुछ घंटे पहले जब मेलानिया ने इस पर साइन किए तब ट्रंप ने व्हाइट हाउस परिसर में खड़े होकर डॉक्यूमेंट सबको दिखाया. मेलानिया ने कहा कि नया रिवेंज पॉर्न लॉ ऑनलाइन बच्चों को सुरक्षा देगा. इसके तहत अब अमेरिका में ‘Revenge Porn’ और डीपफेक जैसे कंटेंट को ऑनलाइन पोस्ट करना गैरकानूनी बना दिया गया है.
अब अमेरिका में कोई भी शख्स बिना अनुमति किसी के डीपफेक जैसे AI तकनीक की मदद से कोई निजी वीडियो, न्यूड तस्वीरें या ऐसी कोई भी चीज पोस्ट नहीं कर सकता. The Take It Down Act के तहत इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है. कोई अगर ऐसी चीजें पोस्ट करता भी है तो टेक्नोलॉजी कंपनियों को 48 घंटे के भीतर उस कंटेंट को हटाना होगा.
मेलानिया का साइन क्यों?
हां, यह सवाल काफी चर्चा में है. कुछ लोग दबे मन से आपत्ति भी जता रहे थे लेकिन उनके हस्ताक्षर प्रतीकात्मक माने गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऑनलाइन यौन शोषण रोकने वाले इस महत्वपूर्ण ‘टेक इट डाउन एक्ट’ पर हस्ताक्षर किए.
“Today, through the ‘TAKE IT DOWN’ Act, we affirm that the well-being of our children is central to the future of our families and America. I am proud to say that the values of BE BEST will be reflected in the law of the land.” – FLOTUS pic.twitter.com/c9PujU5MGZ
— First Lady Melania Trump (@FLOTUS) May 19, 2025
मेलानिया ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘आज ‘टेक इट डाउन’ कानून के जरिए हम दोहराते हैं कि बच्चों की भलाई हमारे परिवारों और अमेरिका के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है.’
रिवेंज पॉर्न क्या होता है?
किसी दोस्त, पार्टनर या अजनबी के द्वारा बिना सहमति निजी, सेक्सुअल मटैरियल फोटो या वीडियो दूसरे के साथ या ऑनलाइन शेयर किया जाए.
नया कानून एक लाइन में समझें
अमेरिका में ‘टेक इट डाउन’ कानून अब AI वीडियो-फोटो या दूसरे निजी वीडियो-तस्वीरों को बिना सहमति जानबूझकर प्रकाशित करना अवैध बनाता है. खास बात यह है कि इसमें टेक कंपनी को प्लेटफॉर्म से सभी डुप्लीकेट सामग्री हटाने के लिए बाध्य किया गया है.
तमाम एक्सपर्ट ने अमेरिका के इस कानून की प्रशंसा की है. उनका कहना है कि इससे लोगों को इंसाफ पाने में मदद मिलेगी जो अपनी निजी तस्वीरें या वीडियो पब्लिक किए जाने के शिकार हो जाते हैं.