Thursday, July 17, 2025
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what is the benefits of bathua saag: what ayurveda says about consuming bathua ka saag or goosefoot – Healthy eating: क्‍या इस हरे साग को देखकर आपभी बनाते हैं गंदा मुंह, आयुर्वेद ने बताए हैं इसे खाने के ये फायदे

सर्दियों का मौसम मौज मस्ती और उत्सवों के लिए जाना जाता है। इस मौसम में जहां कई शादियां होती हैं, वहीं कई त्योहार भी मनाए जाते हैं। वैसे उत्सव चाहे कोई भी स्वादिष्ट और मौसमी भोजन के बिना पूरा नहीं होता। इसलिए इस मौसम का ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने के लिए सर्दियों में आने वाली सब्जियां जैसे पालक, सरसों का साग, मूली का साग खाने की कोशिश करें। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. नीतिका कोहली ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पॉपुलर विंटर ग्रीन के स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताया है। वो है बथुआ, जिसे चेनोपोडियम एल्बम, लैम्ब्स क्वार्टर, गोल्डन गूज फुट और फैट मैन के रूप में भी जाना जाता है।

देखा जाए, तो बहुत कम लोग ऐसे हैं, जिन्हें बथुआ पसंद होता है। कई लोग तो इसे देखकर ही नाक मुंह सिकोड़ने लगते हैं, जबकि असल में बथुआ आयुर्वेदिक स्वास्थ्य लाभों का एक पॉवरहाउस है। इसे खाने से एक नहीं बल्कि स्वास्थ्य को ढेरों फायदे होते हैं। साथ ही कई बीमारियों को दूर करने में भी बथुआ का सेवन अच्छा माना जाता है। कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन ए, सी, बी-6 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर बथुआ एक सस्ता और विंटर का सबसे पौष्टिक भोजन है।

आयुर्वेद में बथुआ खाने के फायदे

​लिवर को एक्‍टिवेट करता है बथुआ

डॉ. कोहली के अनुसार, बथुआ एक रक्त शोधक और याकृत उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह एक लिवर एक्टीवेटर भी है। यह विंटर टॉक्सिन्स को रोकने में बहुत हेल्प करता है। उनके अनुसार, लोग बथुआ का सेवन रायता, पराठे, सब्जी के रूप में कर सकते हैं। यहां तक की कई लोग तो इसे कच्चा खाना भी पसंद करते हैं।

​सर्दियों का पौष्टिक भोजन है बथुआ

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. कोहली ने पोस्ट को कैप्शन देते हुए लिखा कि- ‘बथुआ, जिसे पीगवीड के नाम से भी जानते हैं, सर्दियों की एक बहुत ही पौष्टिक सब्जी है’। मेथी , पालक, सरसों का साग और बथुआ बाजार में खूब मिलते हैं। यहां तक की ये सब्जी आपकी प्लेट को हरा-भरा और हेल्दी भी बना देती है।

हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि बथुआ मेथी या पालक की तरह बहुत ज्यादा पसंद नहीं किया जाता और न ही यह इतना पॉपुलर है। इसे सुपर पौष्टिक होने के बावजूद भी लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसा तब हो रहा है जब बथुआ की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है और उत्तर भारत में तो लोग इसे फूड क्रॉप के रूप में खाते हैं।

​सात्विक आहार है बथुआ

आयुर्वेद में बथुआ को सात्विक आहार माना गया है। इसका मतलब यह हैकि यह सबसे पौष्टिक और जरूरी भोजन में से एक है। इसमें सूजन को कम करने और दर्द से राहत देने वाले गुण भी मौजूद हैं। इसलिए बदलते मौसम में जोड़ों में होने वाले दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।




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