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Friday, November 14, 2025
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कोविड-19: लॉकडाउन में हजामत बनवाने तरस रहे लोग, सैलून संचालकों की भी बढ़ी मुसीबतें People craving for shaving in lockdown, salon operators also have increased problems | raipur – News in Hindi

कोविड-19: लॉकडाउन में हजामत बनवाने तरस रहे लोग, सैलून संचालकों की भी बढ़ी मुसीबतें

सैलून संचालकों की समस्या भी लॉकडाउन ने बढ़ा दी है.

लॉकडाउन में बड़े बड़े उद्योग तो बंद हुए ही हैं. छोटे व्यवसाय और व्यवसाइयों की रोजी रोटी भी छीन गई है. ऐसा ही एक व्यवसाय है सेलून (हजामत) का जो पूरी तरह ठप्प पड़ गया.

रायपुर. कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के खतरे को लेकर देशभर में लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन 14 अप्रैल से बढ़कर अब 3 मई तक कर दिया गया है. लॉकडाउन में बड़े बड़े उद्योग तो बंद हुए ही हैं. छोटे व्यवसाय और व्यवसाइयों की रोजी रोटी भी छीन गई है. ऐसा ही एक व्यवसाय है सेलून (हजामत) का जो पूरी तरह ठप्प पड़ गया. इससे लोगों को परेशानी हो ही रही है. सैलून व्यावसायियों की भी चिंता बढ़ गई है.

कोविड-19 के संक्रमण की दहशत के बीच 22 दिनों से लोग सैलून में अपनी हजामत बाल और दाढ़ी बनवाने तरस रहे हैं. राजधानी रायपुर की आबादी काफी घनी है. दाढ़ी तो बहुत लोग अपने से कर लेते हैं, मगर बाल काटवानें अमूमन हर किसी को परेशानियां हो रही हैं. रायपुर के प्रतीक श्रीवास का कहना है कि वह बड़े अधिकारियों के घर जा कर कटिंग सेविंग का काम करता है, मगर लॉकडाउन की वजह से और कोरोना वायरस के संक्रमण के भय से जा नहीं रहा. साथ ही रायपुर की दो बड़ी बड़ी दुकानें संचालित होती हैं, जिसका किराया काफी है.

किराये को लेकर परेशानी
प्रतीक का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से दुकान बंद है. ऐसे में किराया कहां से आएगा और इसकी भरपाई कहां से होगी. प्रदीप ठाकुर ने बताया कि आज का युवा वर्ग अपने से सेविंग कर तो लेता है पर बहुत से ऐसे लोग हैं, जो नियमित दुकान आकर सेविंग कटिंग कराते हैं. सब बंद हो गया है. वहीं शादी का सीजन भी था पर कोरोना ने सब पर ग्रहण लगा दिया.3500 से अधिक है सैलून
रायपुर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है और राजधानी भी. यहां 3500 से अधिक छोटे बड़े सैलून संचालित होता है. हजारों कारीगरों का व्यवसाय चौपट हो गया है. सैलून पार्लर के व्यवसाय को कोरोना की वजह से ग्रहण लग गया है. इस व्यवसाय में  मुनाफा भी है. इस लिहाज से राजधानी के महंगे दुकानों में सेलून संचालित होता है. किराय चुकाने की चिंता सैलून संचालकों को तो हो रहा है. वही यहां काम करनें वालों  की रोजी रोटी छीन गई है. मुख्य मार्ग पर जहां सैलून है उसके सामनें सब्जी की दुकान लगा है. क्योंकि सेलून पर ताला जड़ा हुआ है.

संक्रमण का खतरा दुकानें बंद
कोरोना वायरस के संक्रमण के बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस महत्वपूर्ण है. सैलून पार्लर में इसका पालन हो पाना संभव नहीं है. कटींग सेविंग के दौरान आंख, नाक और मुंह के आस पास हाथ का जाना स्वभाविक है. इसलिए संक्रमण का खतरा कम नहीं. लॉकडाउन के दौरान लोग घर पर हैं. दो वक्त का खाना पानी किसी तरह नसीब तो हो रहा है, पर व्यवसाय चौपट होने से आर्थिक तौर पर इस व्यवसाय से जुड़े लोग दिनों दिन कमजोर हो रहे है. लॉकडाउन जितना बढ़ेगा उतनी परेशानी सैलून और पार्लर संचालकों को पड़ेगा.

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First published: April 14, 2020, 12:33 PM IST




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