रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में राज्य ग्रामीण एवं ओबीसी क्षेत्र, अजा विकास प्राधिकरण की समीक्षा बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने गांवों में ग्राम पटेलों की नियुक्ति की जाए और उन्हें नरवा-गरवा योजना से जोड़ने के निर्देश दिए।
बैठक में दोनों प्राधिकरणों से स्वीकृत अधूरे निर्माण कार्यो को गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूरा करने कहा। नगरीय निकायों के निर्वाचन की आचार संहिता को देखते हुए इन दोनों प्राधिकरणों में आने वाले शहरी क्षेत्रों की समीक्षा नहीं की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत गांवों में आदर्श और दर्शनीय गौठानों का निर्माण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से भी अपने-अपने क्षेत्रों में बन रहे गौठानों का सतत रूप से निरीक्षण करने का आग्रह किया।
बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया कि केन्द्र सरकार से सीएसआर के नियमों में संशोधन करने का आग्रह किया जाए। बैठक में प्राधिकरणों के सदस्यों ने कहा कि सीएसआर के कामों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को समिति में शामिल किया जाए। जिससे सीएसआर मद से स्थानीय आवश्यकता वाले कार्यों को स्वीकृति दी जा सके। मुख्यमंत्री ने दोनों प्राधिकरणों के सदस्यों से अगले दस दिन में नये प्रस्ताव देने का आग्रह किया। बैठक में मिनी माता स्वावलंबन योजना और कृषकों के असाध्य सिंचाई पंपों के विद्युतीकरण के कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने भू-जल रिचार्ज करने और सतही जल को रोकने नाला बंधान और छोटे डेम के कार्यों को प्राथमिकता से करने कहा। उन्होंने कहा कि इस कार्य में इसरो की मदद से तैयार किए गए सेटेलाइट नक्शों का उपयोग किया जाए और बंधान कार्य में स्थानीय ग्रामीणों के सुझाव भी लिए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 30 हजार नाले हैं। वर्तमान में 1028 नालों का डीपीआर तैयार कर लिया गया है।


