बालाघाट। बालाघाट में प्रति मंगलवार लगने वाली कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में किरनापुर के ग्राम वारा के रहने वाला कुंवरलाल मसखरे आत्मदाह करने की मंशा से बॉटल में किसी ज्वलनशील पदार्थ(पेट्रोल) लेकर पहुंचा और उसमें से कुछ ज्वलनशील पदार्थ को अपने कपड़े पर उडै़ल लिया। जो कि संभवत:आत्महत्या करने का प्रयास करता उसके पूर्व ही उसकी हरकत को सुरक्षा कर्मियों ने भांप लिया और उसके पास से बॉटल में रखे ज्वलनशील पदार्थ को छुड़ा लिया गया।
जिसके पश्चात बालाघाट एसडीएम ने उसकी सुनवाई की और बाद में कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया।वाईसऑवर- पीड़ित युवक कुंवरलाल मसखरे का कहना था कि वारा में जहां पर वह निवासरत हैं उसके मकान से लगे कुछ भाग को किरनापुर एसडीएम व तहसीलदार ने मेरा पक्ष सुने बगैर अतिक्रमण होना बताकर हटा दिया गया। जबकि जो सूचना पत्र जारी हुआ था वह उसके भाई के आवास को लेकर था। ऐसे में मेरे आवास को क्षति पहुंचाई हैं अत:क्षतिपूर्ति प्रदाय की जाये व दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाये।
कुंवरलाल द्वारा एसडीएम व तहसीलदार पर रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया गया। इस तरह की शिकायत को लेकर वह कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई में कलेक्टर के पास पहुंचा था। जहां पर उसके आवेदन पर तत्काल में कार्यवाही नहीं हुई। जिससे वह क्षुब्ध हो गया और ज्वलनशील पदार्थ को अपने कपड़े पर उड़ैलकर आत्महदाह का प्रयास कर रहा था। जिसे कलेक्ट्रेट के सुरक्षा कर्मचारियों ने पकड़ लिया व ज्वलनशील पदार्थ को छुड़ा लिया।
वही एसडीएम गोपाल सोनी ने कहा कि कुंवरलाल मसखरे के अतिक्रमण को लेकर जानकारी ली गई तो ज्ञात हुआ हैं कि वहां के एसडीएम व तहसीलदार ने विधिवत मौका दिया और उसके पश्चात ही अतिक्रमण हटाया हैं। जिसका एक मकान हैंऔर वह कही से बेघर नहीं है। बावजूद उसके आवेदन को लेकर जांच की जा रही हैं।