- दो टेस्ट निगेटिव आने के बाद कस्तूरबा अस्पताल से छुट्टी दे दी गई
- बच्ची के भाई को बिल्डिंग से निकालने के लिए डाला जा रहा था दबाव
कल्याण की हाउसिंग सोसायटी ने 6 महीने की एक बच्ची का कोविड-19 से ठीक होने के बाद शनिवार दोपहर घर पहुंची तो लोगों ने अपने बॉलकनी में खड़े होकर तालियों से मासूम का स्वागत किया.बच्ची को लेकर उसकी मां एम्बुलेंस में घर पहुंची. अभी इस महिला के पति, सास, ससुर Covid-19 पॉजिटिव होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है. बच्ची के पिछले दो टेस्ट निगेटिव आने के बाद उसे कस्तूरबा अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
इस महिला का एक 6 साल का बेटा भी है. मां और बेटा टेस्ट में Covid-19 निगेटिव आए थे. आजतक/इंडिया टुडे ने 9 अप्रैल को इस मां की व्यथा पर स्टोरी की थी. दरअसल इस महिला ने अपने 6 साल के बेटे को सोसायटी में ही एक सहेली के घर छोड़ा था क्योंकि वो खुद अस्पताल में 6 महीने की बच्ची और परिवार के बाकी सभी सदस्यों के भर्ती होने की वजह उसके साथ नहीं रह सकती थी. लेकिन सोसायटी के कुछ लोगों की ओर से उस सहेली पर दबाव डाला जाने लगा कि बच्चे को घर से निकाले नहीं तो सोसायटी के लोगों को भी संक्रमण का खतरा हो जाएगा. जबकि बच्चे का टेस्ट Covid-19 के लिए निगेटिव आया था.
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आजतक/इंडिया टुडे की रिपोर्ट के बाद पुलिस टीम सोसायटी की बिल्डिंग में पहुंची और लोगों को समझाया. साथ ही चेतावनी दी कि अगर ऐसी घटना फिर हुई तो कार्रवाई की जाएगी.
मां ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया, “सोसायटी के सभी लोग अपनी अपनी बॉलकनी में थे. कुछ सोसायटी के गेट तक भी आए. जैसे ही हम एम्बुलेंस से निकल कर बिल्डिंग की एन्ट्रेंस तक बढ़े, सभी ने तालियां और सीटियां बजाकर हमारा स्वागत किया.”
महिला ने कहा, “हमें पता चला था कि पुलिस अधिकारी यहां आए थे और लोगों को समझा कर गए थे जो मेरी सहेली पर मेरे बेटे को घर से निकालने के लिए दबाव डाल रहे थे. ये देखना अच्छा लगा कि सोसायटी के लोगों ने अब हमारे लिए इस तरह की भावना दिखाई और तालियां बजाईं.”


