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Wednesday, December 17, 2025
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हरा सोना बेचकर मालामाल हो रहे ग्रामीण! कीमत बढ़ने से हुआ मुनाफा, बना आय का प्रमुख स्त्रोत

अनूप पासवान/कोरबाः- प्रकृति ने कोरबा जिले को कई प्रकार के उपहार दिए हैं. इनमें जैव विविधता के साथ-साथ वन संपदा भी शामिल है. जंगलों से प्राप्त होने वाले सामान उन इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का सबसे बड़ा माध्यम बना हुआ है. वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए तेंदूपत्ता, सोना से कम नहीं है. तपती धूप में मेहनत कर हरे सोने का संग्रहण करते हैं. इसके एवज में मिलने वाले पैसों से अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं. इस बार हरे सोने से संग्राहक ग्रामीण मालामाल होंगे. दरअसल शासन ने इसकी कीमत बढ़ा दी है. बीते वर्ष तेंदूपत्ते की खरीदी प्रति मानक बोरा 4 हजार के दर से की गई. इस वर्ष संग्राहकों को प्रति सैकड़ा 550 रुपए मिलेंगे. यह राशि सीधे बैंक खाते में जमा किए जाएंगे.

औषधीय गुणों वाले पेड़-पौधों की भरमार
देश में कोरबा की पहचान औद्योगिक नगरी के रूप में की जाती है. यहां संचालित एसईसीएल की भूमिगत और खुली खदानों में हजारों टन कोयले का उत्पादन किया जाता है. विद्युत संयंत्रों से निकलने वाली बिजली से कई राज्य रोशन होते हैं. इस मामले में कोरबा का जंगल भी कम नहीं है. जिले का करीब 60 फीसदी हिस्सा वनों से आच्छादित है. जिसे कोरबा व कटघोरा वनमंडल में विभाजित किया गया है. दोनों ही वनमंडल में वन्यजीवों और औषधीय गुण वाले पेड़-पौधों की भरमार है.

वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों द्वारा महुआ चार चिरौंजी सहित कई प्रकार के वनोपज का संग्रहण किया जाता है, जिसकी मांग राज्य के अलावा विभिन्न प्रांतों में भी होती है. उनके लिए आय का प्रमुख स्त्रोत तेंदूपत्ता संग्रहण है. ग्रामीण महज कुछ ही दिनों के भीतर अच्छी-खासी आमदनी कमा लेते हैं. इस राशि का उपयोग वे न सिर्फ घरेलू जरूरतों के लिए करते हैं, बल्कि शादी ब्याह, मकान बनाने जैसे खर्चीले काम पर भी किया जाता है.

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तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए तैयारी पूरी
जिला यूनियन के उप संचालक एसएस कंवर ने लोकल 18 को बताया कि शासन ने इस बार फिर तेंदूपत्ता की दर में बढ़ोत्तरी कर दी है. पहले जहां तेंदूपत्ता की खरीदी प्रति सैकड़ा 400 रुपए की दर से की जाती थी, अब यह राशि बढ़ाकर 550 रुपए कर दी गई. इस लिहाज से देखें, तो तेंदूपत्ता के प्रति मानक बोरा 1500 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है. जिसका भुगतान विभाग द्वारा सीधे ग्रामीण के खाते में किया जाएगा, ताकि उनको कोई चूना न लगा सके. कोरबा वनमंडल को 53 हजार 800 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. तेंदूपत्ता संग्रहण से पूर्व साख कर्तन सहित अन्य तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

Tags: Chhattisgarh news, Korba news, Local18


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