https://www.biskitjunkiehouston.com/menu

https://www.menuhartlepool.com/

slot server jepang

Friday, November 28, 2025
HomestatesChhattisgarhअजीत जोगी: मौत से हार गया मौत को सात बार छकाने वाला...

अजीत जोगी: मौत से हार गया मौत को सात बार छकाने वाला दिग्गज महारथी | former chhattisgarh cm ajit jogi dies in raipur hospital | raipur – News in Hindi

अजीत जोगी: मौत से हार गया मौत को सात बार छकाने वाला दिग्गज महारथी

इस बार जिंदगी की जंग हार गए अजीत जोगी

अपने जीवन काल में 7 बार मौत को मात देने वाले महारथी छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Ajit Jogi) का आज निधन हो गया.

रायपुर. अपने जीवनकाल में 7 बार मौत को मात देने वाले महारथी एक सफल ब्यूरोक्रेट और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Ajit Jogi) आज मौत से जंग हार गए. अदम्य जीजीविषा वाले अजीत जोगी का संकट से पुराना नाता रहा है. उन्होंने अपने जीवन में कई बार मौत से लोहा लिया और जीत कर लौटे लेकिन इस बार वो हार गए. उनके जीवन में सात बार ऐसे मौके आए जब मौत उनके पास से गुजर गई.

कई बार मौत से दो-दो हाथ
रिपोर्ट के मुताबिक अपनी शादी के दो सप्ताह पूर्व रीवा में कलेक्टर (Collector in Rewa) कॉन्फ़्रेंस के बाद अजीत जोगी सिनेमा देखने गए उसी दौरान वे पुष्प टॉकीज की दूसरी मंजिल से गिर गये थे, जिससे उनके दाहिने हाथ की कलाई टूट गई थी लेकिन वो बच गए. एक बार की बात है कि वो सीधी जिले में कलेक्टर थे.सीधी जिले के एक गांव में बाढ़ आयी और तत्कालीन कलेक्टर अजीत जोगी जीप सहित बह गए थे लेकिन उन्हें अभी बहुत कुछ करना बाकी था इसलिए मौत को डाज देकर वो निकल आए. साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद इंदौर में राजवाड़े में लगी आग को बुझाते समय एक लकड़ी की बल्ली अजीत जोगी के सिर पर गिरने ही वाली थी, लेकिन संयोग से वो वहां बच गए और ठीक एक वर्ष बाद 1985 में इंदौर के बल्लभनगर में एक पेट्रोलियम डिपो हुआ करता था. एक दिन अचानक पेट्रोलियम डिपो में आग लग गई और अजीत जोगी जो कलेक्टर इंदौर थे, जान-माल का नुकसान रोकने के लिए खुद ही पेट्रोलियम डिपो में लगी आग को काबू करने के लिए कूद गये और आग बुझाने में लग गए लेकिन इस बार भी काल उनका बाल बांका न कर सका.

गर्दन की हड्डियां टूटीसाल 2004 में महासमुंद लोकसभा चुनाव के दौरान अजीत जोगी की क्वालिस गाड़ी रात 3 बजे मैनपुर के पास एक पेड़ से टकरा गई इस गंभीर दुर्घटना में उनकी गर्दन के पास की हड्डियां टूट गई थीं. यह अजीत जोगी का पांचवां बड़ा युद्ध मौत के साथ हुआ था. इस घटना के बाद अजीत जोगी के शरीर का निचला हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया था और वो व्हील चेयर पर आ गए थे. 4 सितंबर 2005 को भी कुछ ऐसा ही मंजर आया जब अजीत जोगी का बीपी कंट्रोल में नहीं आ रहा था, तो लगा कि अब वो रिकवर नहीं हो पाएंगे लेकिन रिकवर हुए. साल 2013 की घटना मई महीने की, कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के दौरान बस्तर में चुनावी सभा थी. सभी नेताओं को वापस जगदलपुर आना था, लेकिन झीरम की घटना हुई. अजीत जोगी उन नेताओं के साथ ना आकर हवाई मार्ग से सभास्थल से वापस आ गये थे और इस बार भी वो बाल-बाल बच गए. और फिर साल 2018 में भी मौका ऐसा आया जब अजीत जोगी बहुत ही क्रिटिकल कंडीशन में पहुंच गए फिर उन्हें दिल्ली ले जाया गया, जहां उनका लंबा इलाज चला और वे ठीक हुए.

मौत को बार-बार मात देने वाला महारथी हार गया
लेकिन इस बार 9 मई 2020 को अजीत जोगी को कार्डियक अरेस्ट आया इस बार भी लग रहा था कि ये महारथी मौत को ताल देगा हालांकि उनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था और वो लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे उनका इलाज कर रहे डॉक्टर्स को उनके बचने की उम्मीद कम थी लेकिन उनको जानने वाले इस बार भी चमत्कार की उम्मीद कर रहे थे. 9 मई को उनको रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वो 19 दिन तक जीवन और मौत की जंग लड़ते-लड़ते आखिरकार हार गये और 29 मई 2020 की दोपहर 3.30 बजे ये मनहूस खबर आई कि मौत को बार-बार मात देने वाला महारथी हार गया.

ये भी पढ़ें- अब नहीं आएगी ये आवाज – ‘मैं जोगी बोल रहा हूं’ लेकिन याद रहेंगे उनके काम

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए रायपुर से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.


First published: May 29, 2020, 5:47 PM IST




Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k slot gacor slot depo 10k slot bet 100 slot777 slot depo 5k slot online slot server jepang scatter hitam