Saturday, January 25, 2025
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इलाहाबाद HC का आदेश- UP हिंसा की मानवाधिकार आयोग करेगा जांच – Caa violence uttar pradesh allahabad high court nhrc inquiry

  • हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को जारी किया नोटिस
  • नोटिस स्वीकार, अगली सुनवाई 17 फरवरी को

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ समेत कई जिलों में पुलिस बर्बरता पर दाखिल जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया. अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी.

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं. इसे देखते हुए मुंबई के अधिवक्ता अजय कुमार ने ईमेल के जरिये हाईकोर्ट को पत्र भेजा था. हाईकोर्ट ने पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया था.

इसके बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था. इस नोटिस को अतिरिक्त मुख्य स्थायी अधिवक्ता ए के गोयल ने स्वीकार किया. सीएए के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन मामले की चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस विवेक वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई हुई. इसी मामले में हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता फरमान नक़वी और अधिवक्ता रमेश कुमार यादव को न्याय मित्र नियुक्त कर दिया गया है.

जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर पुलिस बर्बरता का जिक्र किया गया है. इसमें यह भी कहा गया कि इन घटनाओं से प्रदेश देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हो रही है. इसमें मुजफ्फरनगर के मदरसे में बच्चों की निर्मम पिटाई और उनसे जबर्दस्ती जय श्री राम का नारा लगवाने का भी हवाला दिया गया है. खंडपीठ ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्री को आदेश दिया है कि सारे कागजात न्यायमित्र फरमान नक़वी और रमेश कुमार यादव को उपलब्ध कराए जाएं.(इनपुट/पंकज)

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