- विधेयक से भेदभावपूर्ण प्रावधानों को हटाने की मांग
- जनता समाज पार्टी ने नेपाल में किया विरोध प्रदर्शन
नेपाल में जनता समाज पार्टी (JSP) ने प्रस्तावित नागरिकता विधेयक का विरोध किया है. जनता समाज पार्टी ने प्रस्तावित नागरिकता विधेयक के भेदभावपूर्ण प्रावधानों को हटाने की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
पार्टी ने मंगलवार को नेपाल में प्रस्तावित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन किया. नागरिकता विधेयक के खिलाफ जनता समाज पार्टी के सभी शीर्ष नेता सड़कों पर उतरे और विरोध दर्ज कराया. पार्टी के अनुसार, यह विरोध प्रदर्शन सात साल बाद भारतीय महिलाओं को नागरिकता देने के प्रावधान को लेकर था.
असल में, 23 जून को नेपाल की संसद में विवादास्पद नागरिकता संशोधन बिल पेश किया गया. इस कानून के पास होने के बाद नेपाल में विवाह करने वाली दूसरे देश की महिलाओं को नागरिकता के लिए 7 साल तक इंतजार करना पड़ेगा.
नेपाल में संसदीय और सुशासन मामलों की समिति ने नागरिकता अधिनियम 2063 में उस संशोधन का समर्थन किया था जिससे नेपाली पुरुष से शादी करने वाली विदेशी महिला को नागरिकता हासिल करने के लिए सात साल इंतजार करना अनिवार्य हो जाएगा.
नेपाल में नागरिकता कानून में संशोधन का प्रस्ताव, होगा ये असर
वैसे तो कानून बनने के बाद नया नियम सभी विदेशी महिलाओं पर लागू होगा. मगर भारत और नेपाल के बीच हाल के दिनों में जिस तरीके से रिश्तों में खटास आई है, इसे देखते हुए कई लोगों का मानना है कि यह भारत को निशाना बनाने के लिए किया गया है. भारत-नेपाल में ऐसे कई परिवार हैं जिनकी सीमापार रिश्तेदारी है.
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नेपाल में नागरिकता कानून में संशोधन को लेकर विरोध भी हुआ था. सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के प्रस्ताव का विरोध करने वालों में नेपाल की तीन बड़ी राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ कई एनजीओ भी शामिल हैं.
इस कानून के खिलाफ नेपाल में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है. मधेश क्षेत्र से आने वाले 2 सांसदों ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया था. इसके बावजूद नेपाल की ओली सरकार इसे संसद से पारित कराने की तैयारी में है. नागरिकता कानून के मसौदे पर पिछले दो साल से बहस जारी है.


