Sunday, October 6, 2024
HomestatesUttar Pradeshवक्फ बोर्ड जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त में मंत्री भी शामिल- वसीम रिजवी...

वक्फ बोर्ड जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त में मंत्री भी शामिल- वसीम रिजवी – uttar pradesh shia waqf board land scam yogi govt minister mohsin raza

  • शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने मोहसिन रजा पर लगाए आरोप
  • बुक्कल नवाब, मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद भी लपेटे में

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए उम्भा कांड के बाद जब जांच हुई तो जमीनों के खेल का खुलासा हुआ था. विरोधी कांग्रेस के एक नेता के पास अकेले 9000 बीघे जमीन की जानकारी सामने आई थी. समाजवादी सरकार के सबसे रसूखदार मंत्रियों में से एक आजम खान भी जमीनों की हेराफेरी से जुड़े मुकदमे का सामना कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में जमीन के मामले में सबसे अमीर संस्थाओं में से एक शिया वक्फ बोर्ड की भूमि पर भी बेहद संगठित तरीके से कब्जा कर बेचने का मामला सामने आया है.

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के अनुसार इस खेल की पड़ताल में योगी सरकार के एक मंत्री का नाम सामने आ रहा है. रिजवी ने कहा, ‘शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाल ही में इस मामले की जांच शुरू की तो पाया कि प्रदेश का कोई भी शहर ऐसा नहीं है, जहां अवैध कब्जा न किया गया हो. इस गोरखधंधे मे उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री मोहसिन रजा का भी नाम आया है. रजा ने भी वक्फ की ऐसी दो जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त की है और उससे करोड़ों रुपये कमाए हैं.’ वसीम रिजवी के मुताबिक मंत्री मोहसिन रजा ने यह तब किया, जब वे मंत्री नहीं थे. उस वक्त उन्होंने तमाम अधिकारियों और वक्फ के मुतवल्ली के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया. मंत्री मोहसिन रजा ने अपने उपर लगे आरोपों को ओछी राजनीति बताते हुए कहा कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं.

वसीम रिजवी ने दावा किया कि वक्फ मोती मस्जिद लखनऊ की एक जमीन मोहसिन रजा ने शहाबुद्दीन फारूखी निवासी मऊ से खरीदी. ये जमीन मोहसिन रजा की पत्नी फौजिया सरवर फातिमा के नाम से खरीदी गई. लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके की एक जमीन को फ्रैंडस सहकारी आवास समिति बनाकर मोहसिन रजा को बेच दी गई. उन्होंने कहा कि दस्तावेजों में दर्ज तथ्यों के मुताबिक मोहसिन रजा ने केवल लखनऊ में ही नहीं बल्कि लखनऊ के पास उन्नाव शहर के शफीपुर इलाके में भी वक्फ की जमीन अवैध तरीके से अपने परिवार वालों के नाम कर दी.

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि मोहसिन रजा तब खुद शफीपुर में जमीन की देखरेख के लिये मुतवल्ली थे. उन्होंने कागजात में हेरफेर करके वक्फ की जमीन का पॉवर ऑफ अटॉर्नी अपनी मां जाहिदा बेगम के नाम कर दिया और उसके बाद वह भूमि बेच दी. इस मामले मे लखनऊ के हजरतगंज थाने में दस्तावेजों मे गड़बड़ी करने का एक मुकदमा भी मोहसिन रजा के खिलाफ दर्ज किया गया, लेकिन मोहसिन रजा के मंत्री बनते ही पुलिस ने इस मामले मे बगैर ईमानदारी से जांच के फाइनल रिपोर्ट लगा दी.

बुक्कल नवाब पर भी आरोप

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने कभी समाजवादी पार्टी से एमएलसी रहे और अब भाजपा में शामिल हो चुके नेता बुक्कल नवाब पर भी अपने बेटे के नाम से वक्फ की जमीन की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि लखनऊ के इमामबाड़ा गुफरानमाब में वक्फ की संपत्ति को मशहूर धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद ने अवैध तरीके से खरीद ली. विजय माल्या की कंपनी यूनाईटेड स्प्रिट लिमिटेड ने भी यूपी के मेरठ शहर मे अबदुल्लापुर की वक्फ की जमीन को शलभ सेठ नाम के एक बिजनेसमैन को गुपचुप तरीके से बेच दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह मामला सामने आने के बाद भी पुलिस और सरकार की तरफ से आरोपियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया.

डीएम- एसपी ने नहीं की कार्रवाई

वसीम रिजवी ने आरोप लगाया कि इस संबंध में कार्रवाई के लिए उन्होंने जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षक को पत्र भी लिखे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में प्रदेश के गृह सचिव को इस पूरे गोरखधंधे में शामिल लोगों की एक लिस्ट भेजी, जिसमें इन रसूखदार लोगों के नाम हैं. उन्होंने कहा कि इस पत्र में सरकार से शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड की प्रदेश भर में फैली तमाम संपत्तियों की जांच कराने की मांग की गई है. बहरहाल इस मामले में अभी सरकार ने अपना रूख साफ नहीं किया है. हालांकि इस मामले मे शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से उन मुतवल्लियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिनकी मिलीभगत से यह अवैध खरीद- फरोख्त की गई. बोर्ड के मुताबिक ऐसे करीब 55 आरोपी मुतवल्लियों को उनके पद से हटाकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

सरकार पर हमलावर है विपक्ष

इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. सपा एमएलसी उदयवीर ने सीएम और डिप्टी सीएम पर लूट खसोट का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस के दुजेन्द्र त्रिपाठी ने सरकार के मंत्री और नेता पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबे हैं और महंगाई चरमसीमा पर है. हालांकि अगर  वक्फ बोर्ड के रिकॉर्डस और रिपोर्ट को देखें तो यह खेल 30 साल लंबी अवधि का है. इस दौरान सूबे में बसपा और सपा की सरकारें भी सूबे में रही हैं.

कौन होते हैं मुतवल्ली

शिया वक्फ बोर्ड के पास प्रदेश में पचास हजार से अधिक अचल संपत्तियां हैं. इनकी देखरेख का जिम्मा बोर्ड की तरफ से नियुक्त मुतवल्ली के पास रहता है. मुतवल्ली ही बोर्ड की तरफ से वह अधिकारी होता है, जो शहर में वक्फ की संपत्ति का लेखा- जोखा तैयार करता है और उसे कब्जे से बचाने का काम करता हैं. बता दें कि सोनभद्र में भी जमीन कब्जाने के अवैध खेल के कारण हुई गोलीबारी में पिछले दिनों कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी.

आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करें

  • Aajtak Android App
  • Aajtak Android IOS




Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100