रायपुर . सरगुजा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रोहिणी प्रसाद हटा दिए गए हैं। प्रदेश सरकार ने सरगुजा के कमिश्नर ईमिल लकड़ा को प्रभारी कुलपति बना दिया है। वे कल अपना पद संभालेंगे। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव जीएल सांखला ने नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें छत्तीसगढ़ विवि अधिनियम 1973 की धारा 13,14,23 से 25 तक,40,47,54 तथा 68 के प्रावधानों के हवाले के कहा गया है कि विश्वविद्यालय के क्रियाकलापों में कुप्रशासन और अव्यवस्था, समन्वय की कमी,आंतरिक विवाद के कारण स्वस्थ शैक्षणिक एवं प्रशासनिक वातावरण का अभाव और जनसाधारण एवं छात्रों के मन में विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता के प्रति गिरावट आई है।
नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार को यह स्पष्ट हो गया है कि विवि के हितों का उपाय किए बिना वहां का प्रशासन नहीं चलाया जा सकता है। इस नोटिस पर कुलपति प्रो.प्रसाद ने दो दिन पहले सचिव के समक्ष अपनी सफाई भी दे दी थी। उनकी सफाई से विभाग संतुष्ट नहीं था और सोमवार को अंतत: कुलपति को हटाए जाने की सिफारिश भेज दी गई, इसे मानते हुए कुलाधिपति कार्यालय ने प्रो.प्रसाद को हटाने की आदेश जारी कर दिया है। सूत्रों के अनुसार कुलपति ने दोपहर 3 बजे अपना पद भी छोड़ दिया है।
वहीं विभाग ने इस मामले में कैवियट दाखिल करने की तैयारी में है। सबसे बड़ी बात नोटिस में जिस धारा 68 का उल्लेख किया गया है वो नैतिक अवमूल्यन का है। इसका उपयोग राज्य गठन ही नहीं अविभाज्य मप्र के दौरान भी किसी कुलपति के लिए नहीं किया गया था। पूर्व में अधिकतम धारा-52 के तहत कुलपति हटाए जाते रहे हैं। सरगुजा विश्वविद्यालय के 11 वर्षों के इतिहास में यह पहला मौका है, जबकि किसी कुलपति को हटाए जाने का फैसला लिया गया हो।
एक साल में तीसरे कुलपति ने पद छोड़ा
िपछले 13 महीनों में प्रो. प्रसाद तीसरे कुलपति हैं, जिन्हें नई सरकार आने के बाद अपना पद छोड़ना पड़ा है। इनसे पहले पत्रकारिता विवि के कुलपति मानसिंह परमार, दुर्ग विवि के डाॅ. शेलेंद्र सराफ को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। प्रो.परमार को बेटे की शादी के दरम्यान ही इस्तीफा देने पड़ा था। ये तीनों पिछली भाजपा सरकार द्वारा नियुक्ति किए गए थे।