- हिंद महासागर में देखी जा चुकी हैं चीन की गतिविधियां
- नेवी चीफ बोले- नौसेना चीन के अतिक्रमण पर है सजग
हिंद महासागर में चीनी की गतिविधियां बढ़ रही है और भारतीय नौसेना इसे करीबी से देख रही है. यह बातें नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने बुधवार को कही. दिल्ली में हो रहे रायसीना डायलॉग में एक पैनल चर्चा में उन्होंने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के युद्धपोतों द्वारा कई बार हमारे एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में घुसने की घटनाएं हुई हैं.
नौसेना प्रमुख ने कहा कि कि यह हमारे हितों का अतिक्रमण है और नौसेना इस बारे में सजग है. दरअसल हिंद महासागर में चीन की बढ़ती ताकतों को देखते हुए भारतीय नौसेना युद्धस्तर पर रणनीति तैयार कर रही है. हिंद महासागर में भारत को चुनौती देने वाला एक ही राष्ट्र चीन है जो साम्राज्य विस्तार की नीति में भरोसा रखता है. ऐसे में भारत ने भी खुद को मजबूत करने की तैयारी तेज कर दी है. भारतीय नौसेना पानी के अंदर परमाणु हमले करने वाली पनडुब्बी का बेड़ा तैयार करने जा रही है.
6 एसएसएन पनडुब्बियों के निर्माण की तैयारी में देश
रक्षा संबंधी स्थायी समिति ने इस संबंध में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में एक रिपोर्ट जमा की थी, जिसके मुताबिक नौसेना 18 (पारंपरिक) और 6 एसएसएन (परमाणु हमले में सक्षम) पनडुब्बियों के निर्माण की तैयारी कर रही है. लेकिन नौसेना की मौजूदा ताकत 15 है और 1 एसएसएन लीज पर उपलब्ध है.
Navy Chief Admiral Karambir Singh: There have been instances when PLA (China) ships entered our Exclusive Economic Zones wherein we had to tell them that this impinges on our issue, the Belt & Road Initiative, & China–Pakistan Economic Corridor impinges on our sovereignty. pic.twitter.com/cOWZWA5hQp
— ANI (@ANI) January 15, 2020
ऐसे में भारतीय नौसेना ने अरिहंत क्लास एसएसबीएन (SSBN) के साथ मिलकर परमाणु हमला करने वाली 6 पनडुब्बी बनाने की योजना तैयार की है. सभी पनडुब्बियां परमाणु मिसाइलों से लैस होंगी.
चीन के अतिक्रमण पर नौसेना की नजर
भारतीय नौसेना, प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत छह नई पनडुब्बियों के निर्माण की योजना पर भी काम कर रही है. इसके तहत भारतीय नौसेना, विदेशी मूल की उपकरण निर्माताओं के साथ मिलकर 6 पारंपरिक पनडुब्बी का निर्माण करेगी. सभी परियोजनाएं, रणनीतिक साझेदारी नीति के तहत शुरू होंगी.
नौसेना प्रमुख का बयान का ऐसे वक्त में आया है हिंद महासागर में चीन पांव पसारने की कोशिश कर रहा है. भारत इस अंदेशे को पहले ही भांप चुका है, इसलिए रणनीतिक स्तर पर खुद को मजबूत करने के लिए भारत पहले से ही तैयार है.