कवासी लखमा ने धर्मांतरण के आरोपों पर कहा कि फूलन देवी, क्या नाम फूलेश्वरी, वह आई हैं हैदराबाद से. ऊपर-ऊपर हवाई जहाज से आई हैं. तो मीडिया से जो भी वॉटसऐप आया, उसी को देखी है. बस्तर का भूगोल और क्षेत्र उन्होंने नहीं देखा है. बस्तर में भारतीय जनता पार्टी के 15 साल के कार्यकाल में कितना कितना धर्मांतरण हुआ है. बस्तर में हमारी सरकार आने के बाद कोई धर्मांतरण नहीं हुआ है. बस्तर के आदिवासी संगठित हैं. आदिवासी लोग कितना अपने देवी-देवता को मानने वाले हैं. अपने 15 साल में आदिवासी को भारतीय जनता पार्टी ने पूछा नहीं है. आज आदिवासियों को हमारे मुख्यमंत्री अबुझमाड़ के घोटुल को मानने वाले को 10 लाख रुपया दे रहे हैं. हमारे आदिवासी हर त्योहार मनाते हैं. जितना हिंदू लोग त्योहार नहीं मनाते, उससे कहीं ज्यादा बस्तर के आदिवासी लोग त्योहार मनाते हैं. बस्तर के लोग धान, आमा का त्योहार मनाते हैं, माटी त्यौहार मनाते हैं. हम देवगुड़ी में जाते हैं. इसलिए हमलोग देवगुड़ी को पांच लाख रुपये दे रहे हैं. हमलोग आदिवासी की देवी, घोटुल, अबुझमाड़ को और आदिवासी लोगों को मजबूत करने का काम कर रहे हैं. इसलिए इनके पेट दर्द हो रहा है. ये लोग हमलोगों का मुकाबला नहीं कर नहीं पाए. भारतीय जनता पार्टी का ‘झूठ बोलो, राज करो’ काम है. जब ये लोग नहीं बोलेंगे तो नागपुर से डंडा आएगा. वहां से सजा और फटकार आएगा. इसलिए ये लोग बातें कर रहे हैं. आरएसएस की भाषा बोल रहे हैं.
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