Thursday, April 18, 2024
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| कश्मीर के जिक्र पर OIC को भारत की नसीहत, आंतरिक मामले में दखल से किया जाए परहेज: MEA

नई दिल्ली : इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (Organization of Islamic Conference) के प्रस्ताव में कश्मीर का जिक्र होने पर भारत ने कड़ी नाराजगी जताई है. भारत ने कहा कि पाकिस्तान के उकसावे पर संगठन में आया ऐसा कोई भी प्रस्ताव निंदनीय है. 

विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से जारी बयान में कहा गया है,’ भारत विरोधी गतिविधियों का एजेंडा चलाने वाले देश को OIC द्वारा अपने मंच के बेजा इस्तेमाल की इजाजत देना खेदजनक है. दुनिया जानती है कि वहां किस तरह धार्मिक आधार पर असहिष्णुता दिखाने के साथ अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किया जाता है.’

नाइजर में विदेश मंत्रियों की 47वीं बैठक
नाइजर की राजधानी नियामे में संगठन के विदेश मंत्रियों की 47 वीं बैठक के बाद एक प्रस्ताव आया जिसमें कश्मीर का जिक्र था.  साल 2020 में ये पहला मौका है जब भारत ने OIC में पाकिस्तान (Pakistan) की विनाशकारी भूमिका पर सीधा निशाना साधा है.

MEA ने भारत के लिए तथ्यात्मक रूप से गलत, आभासी और झूठी जानकारियों के आधार पर लाए प्रस्ताव को खारिज किया. विभाग ने कहा कि OIC को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है. बयान में आगे ये भी कहा गया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इसलिए भविष्य में OIC को ऐसे किसी भी संदर्भ को बनाने या उसके जिक्र और चर्चा से परहेज करना चाहिए. 

भारतीय विदेश विभाग की तरफ से विदेश मंत्रियों की पिछली 4 बैठकों के दौरान भी OIC के मंच पर कश्मीर के जिक्र पर नाराजगी जताई गई थी. 

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नाकाम रही पाकिस्तान की चाल
हर साल की तरह इस बार भी OIC के प्रस्ताव में कश्मीर का जिक्र हुआ. लेकिन नाइजर में इस बार संबंधित विषय को पहले की तरह तूल नहीं दिया गया. पाकिस्तान, कश्मीर को लेकर इस्लामिक देशों के विदेश मंत्रियों की एक विशेष बैठक की मांग कर रहा है. गौरतलब है कि पिछले साल पांच अगस्त 2019  को भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के बाद से छटपटा रहा पाकिस्तान इस्लामिक दुनिया का साथ चाह रहा है लेकिन अभी तक उसे किसी भी देश का समर्थन नहीं मिला है. इस साल भी उसे भारत विरोधी एजेंडा चलाने में नाकामी मिली. पिछले सप्ताह नीमी की बैठक में, कश्मीर को लेकर OIC में अलग से कोई बैठक नहीं हुई थी.

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