- राज्य सरकार ने आईसीएमआर से मांगी थी अनुमति
- प्रदेश की हेल्थ सेक्रेटरी जयंती रवि ने दी जानकारी
पूरी दुनिया में कहर बरपा रही कोरोना बीमारी के उपचार की तलाश जारी है. इसके लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक शोध में जुटे हैं. मलेरिया में उपयोग की जाने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को उपयोगी बताया गया, तो वहीं अब प्लाज्मा थ्योरी चर्चा में है. गुजरात सरकार ने भी प्लाज्मा थ्योरी से कोरोना पीड़ितों के उपचार की अनुमति आईसीएमआर से मांगी थी.
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आईसीएमआर ने गुजरात सरकार को इसके लिए अनुमति दे दी है. यह जानकारी प्रदेश की हेल्थ सेक्रेटरी जयंती रवि ने दी है. इसके साथ ही गुजरात में भी कोरोना पीड़ितों के उपचार में प्लाज्मा थ्योरी के उपयोग का रास्ता साफ हो गया है. इससे पहले दिल्ली को भी प्लाज्मा थ्योरी के उपयोग की अनुमति मिल चुकी है.
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गौरतलब है कि विश्व के कई देश कोरोना वायरस को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने के लिए प्रयासरत हैं. ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के बीच ही उत्पादन भी शुरू कर दिया है. इन सबके बीच कुछ विशेषज्ञ प्लाज्मा थ्योरी के उपयोग को कोरोना के उपचार में कारगर बता रहे हैं. कोरोना वायरस का केंद्र रहे चीन के डॉक्टर भी इस पद्धति का उपयोग कर रहे हैं.
क्या है प्लाज्मा थ्योरी
प्लाज्मा की थ्योरी पुरानी है, जिसका इस्तेमाल इबोला वायरस और पोलियो के उपचार में भी किया गया था. इसे कई अन्य महामारियों के समय भी इस्तेमाल किया जा चुका है. इस संबंध में बताया जाता है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के इलाज के बाद ठीक हो जाने पर उसके रक्त में एंटीबॉडीज आ जाती हैं. उसके रक्त से प्लाज्मा निकालकर कोरोना के मरीज को दिया जाएगा. इससे उसको ठीक होने में सहायता मिलेगी.


