- मंगलवार को BJP नेताओं ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
- कहा- प्रदेश के 22 जिलों में से 18 दलदल में
केंद्र सरकार ने नशे की गिरफ्त में आए देश के जिन 272 जिलों की पहचान की है, उनमें 18 जिले पंजाब के हैं. राज्य के कुल 22 जिलों में से 18 के नशे के दलदल में फंसे होने से विपक्ष को बैठे बिठाए एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है.
पंजाब के तीन प्रमुख भाजपा नेताओं पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, प्रदेश के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल व राज्य के पूर्व सचिव विनीत जोशी ने कहा कि पंजाब नशे के दलदल में फंसा है और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रियंका गांधी से सरकारी बंगला खाली कराए जाने के विरोध में व्यस्त हैं.
भाजपा नेताओं ने कैप्टन पर तंज कसते हुए कहा कि चार हफ्ते में नशा खत्म करने का चुनावी वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार तीन साल बीतने पर भी नशा खत्म करने में नाकाम रही है.
विजय सांपला ने कहा कि सीएम कैप्टन अमरिंदर ने अपने 2017-22 के चुनावी घोषणा पत्र के 19 नंबर पेज पर स्पष्ट लिखा था,‘नशा खोरी अते नशा तस्करी- चार हफ्तेयां विच बंद’ चार हफ्ते छोड़ो अब तो सवा तीन साल बीत चुके हैं और नशाखोरी व नशा तस्करी खत्म नहीं हुई.
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विजय सांपला ने कहा कि नशे से प्रभावित पंजाब के 18 जिलों में फरीदकोट, जालंधर, अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, फाजिल्का, गुरदासपुर, कपूरथला, लुधियाना, मानसा, मोगा, पठानकोट, संगरूर, पटियाला, श्री मुक्तसर साहिब, नवांशहर, तरनतारन और होशियारपुर शामिल हैं.
भाजपा नेताओं ने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार खुद मान रही है कि राज्य में नशा करने वालों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य महकमे के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन सालों के दौरान राज्य में 5,44,125 लोग नशा मुक्ति केंद्रों में पहुंचे हैं. इनमें से 23 फीसदी पिछले तीन महीने के दौरान सामने आए हैं.


