- पाकिस्तान को ट्रंप के भारत दौरे से उम्मीद
- जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की कर सकते हैं बात
दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारत दौरे पर हैं. भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दौरे से व्यापारिक संबंध बेहतर होने की उम्मीद है. हालांकि ट्रंप ने पहले ही साफ कर दिया है कि वो फिलहाल किसी तरह की कोई ट्रेड डील नहीं करेंगे. हां, भविष्य में बड़ा समझौता करने वाले हैं. वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान को इस यात्रा से कुछ अलग ही उम्मीद है. उसे भरोसा है कि ट्रंप इस यात्रा के दौरान भारत से कश्मीर मुद्दे पर बात करेंगे और दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति को भी कम करेंगे.
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ऐशा फारूकी ने इस यात्रा को लेकर कहा, ‘हमें उम्मीद है कि डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान भारत शासित जम्मू-कश्मीर के लोगों की हालात पर भी बात होगी और एक मजबूत हल निकाला जाएगा.’
पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने जब-जब अमेरिकी प्रतिनिधियों से मुलाकात की है उनके सामने जम्मू-कश्मीर का मसला उठाते हुए उनसे मध्यस्थता करने की बात कही है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान उनसे इस विषय पर मध्यस्थता की बात कही थी, जिससे कि कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच बात हो सके.
उन्होंने चार अमेरिकी सीनेटर्स की चिट्ठी का हवाला दिया है, जिनमें लिंडशे ग्राहम ने भी एक खत अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को लिखा था. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि लिंडशे ग्राहम ने अपनी चिट्ठी में भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर की स्थिति बताई थी. पाकिस्तान भी उनकी बात को दोहराते हुए वहां के नागरिकों की मौलिक स्वतंत्रता वापस दिलाने की मांग करता है. वहां पर लागू किए गए सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) को जल्द से जल्द खत्म किया जाए.
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भारत-पाक वार्ता की अपील करेंगे ट्रंप: रिपोर्ट
पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट में रविवार को कहा गया कि ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के दौरे के संबंध में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रपति अपने दौरे के दौरान भारत के नेताओं से बातचीत करेंगे.
अधिकारी से जब पूछा गया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति एक बार फिर कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने की पेशकश करेंगे तो उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने पर जोर देते हैं और दोनों देशों को द्विपक्षीय वार्ता के जरिए आपसी मतभेदों को सुलझाने को प्रोत्साहित करते हैं.”
अधिकारी ने कहा, “हमारा मानना है कि दोनों देशों के बीच वार्ता की सफलता पाकिस्तान द्वारा उनके क्षेत्र में आतंकियों और उग्रवादियों पर लगाम लगाने के प्रयासों पर निर्भर करती है. इसलिए हम उस ओर लगातार नजर बनाए हुए हैं.”
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता का मसला प्रमुख रहेगा.
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि राष्ट्रपति दोनों देशों से नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने और क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाले बयानों से बचने की अपील करेंगे.”
उनसे जब यह पूछा गया कि तालिबान के साथ शांति समझौते के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद क्या राष्ट्रपति ट्रंप भारतीय सेना से अफगानिस्तान में शांति बहाल करने की अपील करेंगे तो उन्होंने कहा, “हम भारत को प्रोत्साहित करेंगे क्योंकि हम सभी क्षेत्रीय देश हैं जो शांति की प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं ताकि यह सफल हो सके.”
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे तो वह दोनों देशों के लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता की साझी परंपरा के संबंध में बातचीत करेंगे.
अधिकारी ने कहा, “वे इन मुद्दों को उठाएंगे, खासतौर से धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा जोकि इस प्रशासन के लिए काफी अहम है. “
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अधिकारी ने कहा, “मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठकों में राष्ट्रपति इन मुद्दों के संबंध में बातचीत करेंगे और बताएंगे कि दुनिया भारत की ओर देख रही है कि वह लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखे और धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान करे.”