- 5,000 करोड़ की आय किसानों को होगी
- गंगा नदी के किनारे लगेंगे औषधि के पौधे
कोरोना वायरस की महामारी से उपजे आर्थिक संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन मीडिया से रू-ब-रू हुई. उन्होंने आज आर्थिक पैकेज में किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दी गई राहतों के बारे में विस्तार से बताया.
आत्मनिर्भर भारत पैकेज की तीसरी किश्त में निर्मला सीतारमण ने फिर से किसानों और कृषि संबंधी अन्य सेक्टर्स मसलन मछली उत्पादन, डेयरी, खाद्य प्रोसेसिंग, मधुमक्खी पालन, पशुपालन को राहत देने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि आज की घोषणा का फोकस 11 प्रमुख बिंदुओं पर है. इनमें से 8 बिंदुओं के जरिये कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक मजबूत करने की कोशिश की गई है और तीन उपाय प्रशासनिक सुधार से जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि कृषि के आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हर्बल खेती के क्षेत्र में बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने 4,000 करोड़ रुपये के प्रवाधान को मंजूरी दी है. दो साल में लगभग 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल उत्पाद की खेती होगी जिससे 5,000 करोड़ की आय किसानों को होगी. औषधि के लिए गंगा नदी के किनारे पौधा रोपण किया जाएगा.
To promote Herbal Cultivation in India Government commits Rs 4000 crore; move aims to cover 10 lakh hectare under herbal cultivation in 2 years; corridor of medicinal plants to come up across banks of Ganga#AatmaNirbharDesh pic.twitter.com/9nOywMqG2P
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 15, 2020
बकौल वित्त मंत्री, किसानों के खातों में दो माह में 18 हजार 700 करोड़ डाले गए हैं. पिछले दो महीने में किसानों की मदद के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इस दौरान 74 हजार 300 करोड़ रुपये की फसल खरीद की गई. दो करोड़ किसानों को ब्याज में सब्सिडी की सुविधा दी गई. न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के लिए 17300 करोड़ और फसल बीमा के लिए 6400 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से मछुआरों के लिए 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया है. यह मत्स्य मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण अंतराल भरने में मदद करेगा. यह समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य क्षेत्र के विकास में मदद करेगा.
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वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि किसान क्रेडिट कार्ड के लिए दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. कृषि भंडारण में मदद के लिए सहकारी समितियों, समूहों को फंडिंग दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हमने माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज के औपचारिककरण के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की योजना शुरू करने का फैसला किया है. यह पीएम मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है.
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बता दें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के पहले चरण में वित्त मंत्री ने बुधवार को लघु और मध्यम दर्जे के उद्योग और रियल एस्टेट सहित कुछ अन्य सेक्टर को दी जाने वाली राहतों के बारे में बताया था. वहीं गुरुवार को उन्होंने किसानों और प्रवासी मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाओं-सहूलियतों के बारे में जानकारी साझा की थी.


