Sunday, November 3, 2024
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सवा माह में दिग्विजय ने लिखे 24 पत्र, शिवराज ने एक का भी जवाब नहीं दिया

सीएम ने फिर मांगे लॉकडाउन पर सुझाव तो भेजी 7 पेज की चिट्ठी

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना लॉकडाउन को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं से सुझाव मांगते हैं। उनकी पहल पर कांग्रेस नेता अपने सुझाव भी देते हैं, लेकिन अमल तो दूर उनके पत्रों का जवाब तक नहीं दिया जाता।

शिवराज के आग्रह पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अब फिर 7 पेज के पत्र में लॉकडाउन-4.0 के लिए अपने सुझाव सीएम को भेजे हैं। इस पत्र में उन्होंने अपनी पीड़ा भी जताई है। दिग्विजय ने कहा कि 10 अप्रैल को शिवराज द्वारा मांगे जाने पर उन्होंने अपने सुझाव दिए थे। उसके बाद 22 अन्य पत्र भी लिखे, लेकिन एक का भी उत्तर नहीं मिला।

अपने ताजा पत्र के साथ उन्होंने सभी पुराने खत नत्थी कर फिर भेजे हैं और उम्मीद जताई है कि वे पत्र मिलने की सूचना के साथ स्वीकार किए गए सुझावों की जानकारी भी देंगे।

दिग्विजय ने श्रम कानून में बदलाव की श्रमिक विरोधी बताया

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा कोरोना संकट के बीच श्रम कानून में बदलाव को गलत बताया है। इस बदलाव से श्रमिकों का शोषण बढ़ेगा। उन्होंने मांग की है कि मजदूरों के खिलाफ लाए गए अध्यादेश को वापस लिया जाए।

दिग्विजय के प्रमुख सुझाव

पूर्व मुख्यमंत्री ने सबसे ज्यादा चिंता श्रमिकों को लेकर जताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाहर से आने वाले मजदूरों के लिये राहत, पुर्नवास और रोजगार हर स्तर पर उपलब्ध कराया जाये। आज कमजोर वर्ग काम-काज बंद होने से रोजी-रोटी को मोहताज है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कोरोना प्रभावित क्षेत्रों को थाना क्षेत्रों में घनत्व के आधार पर विभाजित करने का फार्मूला दिया है जिसमें 10 या उससे अधिक एक्टिव कोरोना पाॅजिटिव केस वाले थाना क्षेत्र  को रेड जोन, 10 से कम एक्टिव केस वाले थाना क्षैत्र को ओरेंज जोन में विभाजित करने की सलाह दी है।

उन्होने कहा कि जिन थाना क्षेत्रों में आज तक कोई भी कोरोना पाॅजिटव नही पाया गया है या आज की स्थिति में जहाॅ एक भी एक्टिव केस नही है उसे ग्रीन जोन  बनाया जाये। इसके लिये संबंधित थानों को प्रशासनिक इकाई बनाये जाना चाहिये ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी आसानी से नियंत्रण रखा जा सके।

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सुझाव में किसानों से रबी की सभी फसलों की खरीदी का भुगतान सुनिश्चित कराने सहित आगामी खरीफ की फसलों के लिए खाद, बीज एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर बल दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री के ने कहा कि प्रदेश के लाखों किसानों का करीब 9 हजार करोड का भुगतान लंबित है जिससे किसान आर्थिक रूप से परेशान है। श्री सिंह ने अत्यावश्यक सेवाओं का उल्लेख करते हुए स्वास्थ्य सेवा, परिवहन सेवा और शिक्षा व्यवस्था को जनहित में ग्रीन ज़ोन में चालू करने की सलाह दी है।

दिग्विजय सिंह ने पत्र में कहा कि व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिये आमजन से जुड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को खोला जाना चाहिए।

उन्होने बिजली बिलों का भार कम करने के लिये कमलनाथ सरकार द्वारा प्रारंभ की गई इंदिरा गृह ज्योति योजना के अनुरूप प्रतिमाह बिजली बिल दिये का भी सुझाव दिया।

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