ललितपुर। जिले में अकूत खनिज भंडार है। यहां से इमारती पत्थर अन्य जिलों में भी भेजा जाता है। वर्तमान में 29 खदानों से प्रतिदिन लगभग छह सौ घन मीटर का खनन कार्य किया जा रहा है। इससे खनिज संपदा की स्थिति को जाना जा सकता है। इस खनन कार्य से सरकार को प्रतिमाह तीन लाख रुपये का राजस्व मिल रहा है।बुंदेलखंड में सबसे पिछड़ा जनपद ललितपुर माना जाता है। यहां पर लोगों को बुनियादी सुविधाएं बेशक नहीं मिल पाई हों, लेेकिन खनिज संपदा के भंडारण में जिला सबसे आगे माना जाता है। यहां नदी, नालों में बालू, घने जंगल, ग्रेनाइट और धातुओं में प्लेटिनम आदि धातुएं मिलने के संकेत मिले हैं। इनकी जांच का कार्य चल रहा है। इसके अलावा इमारती पत्थर का भी भंडार है। यहां का इमारती पत्थर जिले के साथ ही अन्य जनपदों में भी भेेजा जा रहा है।
जिले में वर्तमान में 27 इमारती पत्थर व गिट्टी की खदानों पर खनन का कारोबार किया जा रहा है। इनमें लगभग 12 खदानों पर गिट्टी का कारोबार किया जा रहा है। 12 से अधिक खदानों पर खंडा व बोल्डर निकाले जा रहे हैं। इन सभी खदानों से प्रतिदिन छह सौ घन मीटर से अधिक खनन किया जा रहा है। इनमें दो सौ घन मीटर गिट्टी व चार सौ घन मीटर खंडा व बोल्डर निकाले जा रहे हैं। खनिज विभाग को प्रतिमाह लगभग 30 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा है।
इन गांवों में चल रही खदानें बललितपुर तहसील अंतर्गत ग्राम सिवनी खुर्द व बुढ़वार, लखनपुरा, तहसील तालबेहट के ग्राम हर्षपुर, गड़िया, पिपरा, तहसील महरौनी के ग्राम ठाठखेरा, छिल्ला आदि ग्रामों में गिट्टी व खंडा बोल्डर का कार्य चल रहा है।
जिले में खनिज संपदाएं हैं। खनन के लिए खनिज पट्टे दिए गए हैं, जिसमें खनन कर पत्थर व गिट्टी आदि अन्य खनन किया जा रहा है।
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